Book Title: Jain Dharm aur Darshan
Author(s): Pramansagar
Publisher: Shiksha Bharti

View full book text
Previous | Next

Page 290
________________ ऋग्वेद कठोपनिषद कर्म ग्रंथ कल्पसूत्र कर्म प्र. । । । । देवेन्द्र सूरि गीता प्रेस, गोरखपुर जै.पू.प्रचारक मंडल,आगरा प्राचीन पुस्तकोद्धारक फंड,सूरत भारतीय ज्ञानपीठ 1939 1939 1944 आ. भद्रबाहु आचार्य नेमिचंद्र कर्म प्रकृति क.पा. 2000 कषाय पाहुड़ कार्तिकेयानुप्रेक्षा आचार्य गुणधर स्वामी कुमार दि. जैन संघ, मथुरा परमश्रुत प्रभावक मंडल, आगास गीता प्रेस, गोरखपुर भारतीय ज्ञानपीठ आचार्य नेमिचंद्र 1980 1978 गोम्मटसार कर्मकांड गोम्मटसार जीवकांड चारित्र पाहुड़ चारित्र सार आ. कुंदकुंद चामुंडराय पं.दौलतराम निर्णय सागर प्रेस, मुम्बई दि.जैन ग्रंथमाला, मुम्बई का.अनु. गीता गो.क.का. गो.जी. का. चा.पा. चा.सा. छहढाला छांदोग्य उपनिषद् जयधवला जे.द.सा. जैन लक्षणावली जै.सि.को. त. अ. तत्त्वबोध 1974 जैन दर्शन सार आचार्य वीरसेन पं.चैनसुखदास पं. बालचंद सिद्धांत शास्त्री जिनेन्द्र वर्णी आचार्य रामसेन गीता प्रेस, गोरखपुर दि. जैन संघ, मथुरा चौरासी वीर पुस्तक भंडार, जयपुर वीर सेवा मंदिर दरियागंज, दिल्ली भारतीय ज्ञानपीठ भा. अनेकांत विद्वत परिषद, सोनागिरि स्टीम प्रेस, मुम्बई 1974 1973 1985 जैनेन्द्र सिद्धांत कोष तत्त्वानुशासन 33. शंकर संवत् 1988

Loading...

Page Navigation
1 ... 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300