Book Title: Jain Dharm Ek Zalak
Author(s): Anekant Jain
Publisher: Shantisagar Smruti Granthmala

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Page 17
________________ चिह्न बैल बंदर कौशांबी गैंडा भैंसा सेही तीर्थंकर जन्मस्थान 1. ऋषभदेव अयोध्या 2. अजितनाथ हाथी अयोध्या 3. संभवनाथ घोड़ा श्रावस्ती 4. अभिनंदननाथ अयोध्या 5. सुमतिनाथ चकवा अयोध्या 6. पद्मप्रभ कमल 7. सुपार्श्वनाथ स्वस्तिक बनारस (वाराणसी) 8. चंद्रप्रभ चंद्रमा चंद्रपुरी (बनारस) 9. पुष्पदंत मगर काकंदी 10. शीतलनाथ कल्पवृक्ष भद्दलपुर 11. श्रेयांसनाथ सिंहपुर (सारनाथ) 12. वासुपूज्य चंपापुरी 13. विमलनाथ शूकर कंपिला 14. अनंतनाथ अयोध्या 15. धर्मनाथ बज्रदंड रत्नपुरी 16. शांतिनाथ हरिण हस्तिनापुर 17. कुंथुनाथ बकरा हस्तिनापुर 18. अरहनाथ मछली हस्तिनापुर 19. मल्लिनाथ कलश मिथिलापुर 20. मुनिसुव्रत कछुआ राजगृह 21. नमिनाथ नीलकमल मिथिला 22. नेमिनाथ शंख 23. पार्श्वनाथ सर्प बनारस 24. महावीर वैशाली इनमें अंतिम व चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर हैं। ईसा से 599 वर्ष पूर्व भगवान महावीर का जन्म वैशाली के कुंडग्राम में हुआ था। भगवान महावीर जैन धर्म के आद्य प्रवर्तक या संस्थापक नहीं, अपितु चौबीसवें अंतिम तीर्थंकर तथा पूर्व प्रचलित जैन धर्म को आगे बढ़ाने वाले थे। भगवान महावीर के ही समय इस देश में भगवान बुद्ध हुए, जिन्होंने बौद्ध धर्म चलाया। जैन धर्म के कुछ तीर्थंकरों के मध्य सैकड़ों, तो कुछ के मध्य हज़ारों, यहाँ तक कि लाखों वर्षों तक का अलग-अलग अंतराल रहा है। इस प्रकार जैन धर्म अपने भारत देश का अति प्राचीन धर्म है। जैन जाति नहीं,धर्म है । सामान्यतः लोग 'जैन' को जातिवाचक संज्ञा समझ लेते हैं और वर्तमान में मात्र जैन लोगों को ही जैन धर्म का अनुयायी मान लेते हैं। किंतु वस्तुतः 'जैन' एक धर्म है, | जैन धर्म-एक झलक शौरीपुर सिंह

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