Book Title: Jain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Author(s): Shweta Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 713
________________ ६५२ जैनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण २६. माण्डूक्यकारिका- कैलाश आश्रम ऋषिकेश, उत्तरप्रदेश २७. मार्कण्डेय पुराण- नाग पब्लिशर्स, ११ यू.ए., जवाहर नगर, दिल्ली-७ २८. मीमांसा दर्शन- संस्कृति संस्थान, ख्वाजा कुतुब, बरेली २९. योगवासिष्ठ- श्रीमद् वाल्मीकि महर्षि प्रणीत, नाग पब्लिशर्स, ११ ए/यू.ए. जवाहर नगर, दिल्ली, प्रथम संस्करण १९९८ ३०. राजतरंगिणी- कल्हण विरचित, दुलीचन्द बाकलीवाल, यूनिवर्सल एजेन्सीज, देरगाँव (आसाम), प्रथम संस्करण, २५ जून १९८७ ३१. रामायण- वाल्मीकिकृत, गीताप्रेस, गोरखपुर ३२. वाक्यपदीयम्- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, १९८० ३३. विष्णु पुराण- संस्कृति संस्थान, ख्वाजा कुतुब, बरेली ३४. वेद (ऋग्वेद भाषा भाष्य सम्पूर्ण)- महर्षि दयानन्द सरस्वती, दयानन्द संस्थान, नई दिल्ली-५ ३५. वेद (यजुर्वेद-सामवेद-अथर्ववेद)- महर्षि दयानन्द सरस्वती, दयानन्द संस्थान, नई दिल्ली-५ ३६. वेदान्त दर्शन- संस्कृति संस्थान, ख्वाजा कुतुब, बरेली वेदान्त सार- सदानन्द, मोतीलाल बनारसीदास, बंग्लो रोड़, जवाहर नगर, दिल्ली-७, १९७९ ३८. वैशेषिक सूत्र- संस्कृति संस्थान, ख्वाजा कुतुब, बरेली ३९. शिवपुराण- संस्कृति संस्थान, ख्वाजा कुतुब, वेदनगर, बरेली शुक्रनीति- महर्षि शुक्राचार्य विरचित, व्याख्याकार : डॉ. जगदीशचन्द्र मिश्र, चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी, १९९८ ४१. श्वेताश्वतरोपनिषद् (शांकर भाष्य सहित)- गीता प्रेस, गोरखपुर, विक्रम संवत् २०५२ ३७. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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