Book Title: Jain Agam Vanaspati kosha
Author(s): Shreechandmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 308
________________ 288 जैन आगम : वनस्पति कोश सिन्दुवार श्वेतपुष्प, सिन्दुक, सिन्दुवारक, धूसर वर्ण की होती है। पत्ते सदल तथा ३ से ५ पत्रकों सूरसाधनक, नेता, सिद्धक तथा अर्थसिद्धक ये सब से युक्त होते हैं। पत्रक भालाकार, लम्बाग्र, अखंड या सम्भालू के नाम हैं। राज०नि०४/१५१ पृ०६१) गोल दन्तुर, २ से ५ इंच लम्बे, १/२ से १.५ इंच चौड़े अन्य भाषाओं में नाम तथा छोटे बड़े आकार के होते हैं। अग्र का पत्रक लम्बा हि०-सम्भालू, सम्हालू, सन्दुआर, सिनुआर, एवं उसका वृन्त भी लम्बा होता है। नीचे के पत्रक या मेउडी। बं०-निशिन्दा। म०-लिंगड, निगड, निर्गुण्डी। बगल वाले पत्रक छोटे तथा छोटे या बिना वृन्त के होते पं०-वन्न, भरवन | बं०-निशिन्दा। म०-लिंगड, निगड, हैं। ये ऊपर से हरे तथा नीचे श्वेताभ वर्ण के होते हैं। निर्गुण्डी। प०-वन्न, भरवन, मौरा | गु०-नगोड़,नगड़। पुष्प आयताकार और २ से ८ इंच लम्बी मंजरियों में ता०-नोच्चि। म०-करिनोच्चि। ते०-वाविली, निकले रहते हैं। ये श्वेत या हलके नीले (बैंगनी) रंग के तेल्लावाविली। क०-विलिनेक्कि। फा०-पंजंवगुस्त। होते हैं। फल छोटे, गोल १/४ इंच व्यास के तथा पकने अ०-असलक। अंo-Five leaved chaste tree (फाइव पर काले रंग के होते हैं। (भाव०नि०गुडूच्यादिवर्ग०पृ०३४५) लीब्ड चेष्ट ट्री) Indian Privet (इन्डियन प्रिवेट)। ले०-Vitex negundo linn (वाइटेक्स नेगुण्डो लिन०) सिंदुवार गुम्म Fam. Verbenaceae (वर्विनेसी)। सिंदुवार गुम्म (सिन्दुवार गुल्म) श्वेत पुष्प वाला संभालू जीवा०३/५८० जं०२/१० प०१/३८/१ विमर्श-प्रज्ञापना १/३८/१ में सिंदुवार शब्द है और वह गुल्म वर्ग के अन्तर्गत है। इसलिए यहां सिंदुवार गुम्म शब्द के अन्य प्रमाणों के साथ प्रज्ञापना का भी प्रमाण दिया गया है। विवरण-इसके बड़े-बड़े गुल्म प्रायः ६ से २८ फीट ऊंचे अथवा कभी-कभी बड़े वृक्ष के समान होते हैं। देखें सिंदुवार शब्द। ... सन्दवार RHAZYA STRICTA DENC सिप्पिया सिप्पिया (शिल्पिका) शिल्पिका तृण भ०२१/१६ प०१/४२/२ शिल्पिका के पर्यायवाची नाम शिल्पिका शिल्पिनी शीता, क्षेत्रजा च मृदुच्छदा।।१३६ ।। शिल्पिका, शिल्पिनी, शीता, क्षेत्रजा और मृदुच्छदा ये शिल्पिका के पर्यायवाची नाम हैं। (राज०नि०व०८/१२६ पृ०२५७) अन्य भाषाओं में नाम म०-लाहनसिम्पि। क०-करियपसिम्पिगे। उत्पत्ति स्थान-इसके वृक्ष प्रायः सब प्रान्त के वन, उपवन, नदियों के किनारे, गांवों के आसपास की परती जमीन में और बागों में भी पाये जाते हैं। विवरण-इसके बड़े-बड़े गुल्म प्रायः ६ से २८ फीट ऊंचे अथवा कभी-कभी बड़े वृक्ष के समान होते हैं। इस पर श्वेताभ रोमावरण होता है । छाल पतली चिकनी तथा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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