Book Title: Jagat aur Jain Darshan
Author(s): Vijayendrasuri, Hiralal Duggad
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

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Page 4
________________ प्रकाशक यशोविजयग्रन्थमाला हेरीसरोड-भावनगर (काठियावाड़) खुजनेर निवासी श्रीमान् माणकचन्दजी रामपुरिया के स्वर्गस्थ पुत्र मांगीलाल की धर्मपत्नी भंवरवाई की आर्थिक सहायता से इस पुस्तिका की २००० प्रतियां प्रकाशित हुई। श्रीवीर संवत् २४६६) धर्म संवत् १८ विक्रम संवत् १६६७5 ई० स० १६४० ' प्रथमावृत्ति प्रति ३०००

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