Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 2
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 885
________________ कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ८९२१- पे क्र. ६ पृ. १-२ मयूरशिखाकल्प आदि वि-१६मी संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-२ हरस-मसा औषधादि गुजराती, गद्य, पाकाहेग ५१०८- पे.क्र. ३ पृ. १, श्वेतार्ककल्प श्वेतरिङ्गिणीकल्प व हरस-मसा औषधादि वि-१७मी, संपूर्ण हरिणाष्टक सं., पद्य, श्लोक, पाकाहेम १३७५- पे.क्र. ७, पृ. २-३, अकलङ्कदेवाष्टकादि अष्टको, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-४ पाकाहेम ८६८८- पे.क्र. ७ पृ. ७ अष्टकानि आदि वि-१८मी, संपूर्ण T प्रत विशेष उदरे करडेली छे. कुल झै. पृष्ठ-६ हरितत्त्वमुक्तावली जुओ हरिमीडेस्तोत्र, यति शङ्कराचार्य, संस्कृत श्लोक४४ हरिमीडेस्तोत्र (हरितत्त्वमुक्तावली), (हरिस्तुति) हरियाली यति-शङ्कराचार्य, सं., पद्य, श्लोक४४, आदि वाक्यः स्तोष्ये भक्त्या विष्णुमनादि जगदादिं यस्मिन्... भांका ८५, पृ. ३८, हरिमीडेस्तोत्र सह टीका, वि-१८३१, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ- २६, डीवीडी - ८४ हरिमीडेस्तोत्र (सं.) टीका यति स्वयम्प्रकाशस्वामि, सं., पद्य, आदि वाक्यः नित्यं निजानन्द सदद्वितीयं शुद्धं विभुं सत्यमिति स्वतन्त्रं .... भांका ८५, पृ. ३८. हरिमीडेस्तोत्र सह टीका, वि-१८३१, संपूर्ण हरिमीडेस्तोत्र (सं.) टीका यति-स्वयम्प्रकाशस्वामि, सं., पद्य, आदि वाक्यः नित्यं निजानन्द सदद्वितीयं शुद्धं विभुं सत्यमिति स्वतन्त्रं .... भांका ८५, पृ. ३८, हरिमीडेस्तोत्र सह टीका, वि - १८३१, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ २६, डीवीडी-८४ कुल झे. पृष्ठ २६, डीवीडी-८४ उपाध्याय यशोविजयजी गणि[तपागच्छीय], मारुगूर्जर, पद्य, गा८, आदि वाक्यः एक पुरुष अति दीपतो रे लो..... अताका ४७९ - पे.क्र. ३, पृ. १आ, ज्ञानार्णवप्रकरण स्वोपज्ञ विवरण आदि, संपूर्ण प्रत विशेष- सभी पेटांक का पत्र क्रमशः गिना गया है. कुल हो. पृष्ठ- २५, डीवीडी - १०३/१०४ हरिवंशपुराण पुष्पदन्त, अप., पद्य, ग्रं. ११५००, आदि वाक्यः पणवेवि गुरूपयइ भव्वहं तमोहतिमिरन्धहं.... कृ.विः अं. वाक्य- सुविहिहिं अरुहहो नित्यं करहो... विविह जम्मभम्म हरइं. भांका ३१०, पृ. ९३, हरिवंशपुराण, वि-१४४१, संपूर्ण हरिवाहन चरित्र हरिविक्रमचरित्र प्रत विशेष- सूचिक्रम-४ -११६२. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. ग्रन्थाग्र - ११५००. डीवीडी- ९२ वताहंस ४४३ पृ. ८०, हरिवाहन चरित्र, संपूर्ण डीवीडी- ९९/१०० आचार्य- जयतिलकसूरि [आगमिकगच्छ], सं., पाताहे ७१ पृ. ९८, हरिविक्रमचरित्र, संपूर्ण डीवीडी-६/१६ पाकाहेम १०१६७, पृ. ७५, हरिविक्रमचरित्र पद्य, वि-१६मी, संपूर्ण 868

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