Book Title: Haribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya Author(s): Anekantlatashreeji Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trsut View full book textPage 3
________________ श्री हरिभद्र दार्शनिक चिन्तन का वैशिष्ट्य जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय), लाडनूं पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त दिल्याशीषविश्वपूज्य अभिधान राजेन्द्र कोष निर्माता श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. अंतराशीषराष्ट्रसंत संयम दानेश्वरी जैनाचार्य श्रीमद्विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी म.सा. मंगलाशीषविदुषी गुरुणीजी श्री लावण्य श्रीजी म.सा. ___पावन प्रेरणा सरलस्वभावी मातृहृदया साध्वीवर्य श्री कोमललता श्रीजी म.सा. शोधार्थीसाध्वी डॉ. अनेकान्तलताश्री प्रकाशकराज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबादPage Navigation
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