Book Title: Granth Pariksha Part 03
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay

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Page 13
________________ विषय-सूची विषय २ खोमसेन-त्रिवर्णाचारकी परीक्षा... प्राथमिक निवेदन ... ... ... .. १ ग्रंथका संग्रहत्व ... ... ... ... ९ मन प्रथोसे संग्रह ... ... ... ... २९ प्रतिक्षादि-विरोध भगवजिनसेनप्रणीत मादिपुराणके विरुद्ध कपन मानार्णव प्रयके विकर कथन ७ दूसरे विरुद्ध कथन--(देव, पितर और प्रपियोंका घेरा, १ दन्तधावन करनेवाला पापी, ३ वेळ मलनेकी विलक्षण फलपोपणा, ४ रविवार के दिन बानादिकका निषेष, ५ घरपर डे बरसे मान न करनेकी माझा, ६-८ शवत्वका अद्भुत योग, . मरकालपमें वास, १. ममकी विचित्र परिभाषा, ११ अघोतका अद्भुत सक्षण, १२ पतिक विलक्षण धर्म, १३वासनकी अनोखी फलकल्पना, १४ सूटन न छोदनेका भयकर परिणाम, १५ देवताओंकी रोक याम, १६ एक पलमें भोजन-मननादिपर भापति, १७ सुपारी खानेकी सबा, १८ भनेककी भजीव करामात, १९ तिलक और वर्मक धुए, २० सूतककी विडम्बना, २१ पिप्पलादि पूमन, २२ पंधपयोग और मर्कविवाह, २३ संकीर्णहयोगार, १४ अनुकालमें भोग न करनेवालोंकी पति, २५ भलीमता और अशिष्टाचार, २६ त्याग या तलाक, २७ वी पुनर्विवाह, २८ तर्पण पाद और पिण्डदान।) उपसंहार ... ... .. ३धर्मपरीक्षा (श्वेताम्बरी)की परीक्षा ... २३७ ४ मकर्मक-प्रतिष्ठापाठकी जांच ५पूज्यपाद-उपासकाचारकी जाँच ... २५४

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