Book Title: Gommatsara Jivakand Author(s): Khubchandra Jain Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal View full book textPage 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir रायचंद्रजैनशास्त्रमाला। श्रीमन्नेमिचन्द्रसैद्धान्तिकचक्रवर्तिरचित गोम्मटसार। (जीवकाण्ड) न्या. वा. वा. ग. केसरी स्या. वारिधि पं. गोपालदासजी वरैयाके अन्यतम शिष्य खूबचन्द्र जैनद्वारारचित संस्कृतछाया तथा बालबोधिनीटीकासहित । (प्रथमावृत्ति १००० प्रति) जिसको श्रीपरमश्रुतप्रभावकमंडल बंबईके स्वत्वाधिकारियोंने निर्णयसागर प्रेसमें रामचंद्र येसू शेडगेके प्रबंधसे छपाकर प्रसिद्ध किया । वीरनि० सं० २४४२ सन् १९१६ । मूल्य २॥ रुपया. मा.श्री कैलासलागर मृरि ज्ञान मदिर For Private And PersonalPage Navigation
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