Book Title: Epigraphia Indica Vol 23
Author(s): Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India

View full book text
Previous | Next

Page 292
________________ No. 33.] TWO COPPER-PLATE INSCRIPTIONS FROM BERAR. 221 44 त्तरादों(दोन्) समादिशत्यस्तु वः संविदितं(तम्) । यथा मयूरखण्डोसमावासि तेन म45 या श्रीमहारव्या ध्वा' विज्ञप्तिकया मातापित्रोरात्मनचैहिकासभिकपुण्ययशोभिवाये । 46 [धा] राशिववास्तव्यत विद्यसामान्यकाश्यपसगोत्रव(ब)दृचसत्र(ब्रह्मचारिणे भट्टमा मो]. पवा47 सिपौ[चाय पणमसुताय भरिषिप्रयाय मुरुम्ब(म्ब)विषयप्रतिव(ब)इलोहारा Third Plate ; First Side. 48 ग्रामः कीलङ्गक-करी] कसमन्वितः तस्य चाघाटनानि पूर्वतः लघलोहाराग्राम49 : दक्षिणतः सदुपग्रामदयं पश्चिम[त:] पिप्परिकाग्राम: मारुरिकग्रामथ । उत्त50 रतः सामरिपक्षग्रामखेडग्रामौ । एवमयं चतुराघाटनोपलक्षितो ग्राम: रि51 षियप्ये नापि निवर्तनशतचतुष्टयं(य)मात्मनिमि[तं] मान्यस्थित्या व(ब)हिष्कृत्वा(त्य) माधवत्रोध52 रदो[धामअघकुटिदीक्षितप्रमुखानां षष्टिभागा[:*] तथा शोकभयो धर दीक्षित मधुक53 हिवेदिपृथिविभप्रमुखाना प(ष)ष्टिभागाः एवं विंशोत्तरशत(त) महाजनस्याहरपीकत: ___ सोदंग: स54 परिकरः सदण्डदशापराधः सभूतोपात्तप्रत्यायः सोत्पद्यमानविष्टिकः सधान्यहिरण्या देयः अचाट55 भटनावश्यः सर्वराजकीयानामहस्तप्रक्षेपणीयः पाचंद्राार्णवक्षि- . 56 तिसरित्यर्वतसमकालीन: - पुत्रपौत्रान्वयक्रमोपभोग्यः पूर्वप्रदत्तदेव57 वा(ब्राह्मदायरहितोभ्यंतरसिध्या भूमिछिद्र न्यायेन शकतृपकालातीतसंवत्सरश58 तेषु सप्तसु चतुस्तङ्गदधिकषु' मार्गशिर[:] शुद्ध प्रतिपदि सूर्यग्रहणमहापर्वणि व. (ब)लिच59 रुपैय(ख)देवाग्निहोत्रातिथिपञ्चमहायजयोत्सर्पणात्य सात्वाद्योदकातिसर्ग60 ण प्रतिपादितः यतोस्योचितया व्र(ब)झदायस्थित्या भंजतो भोजयत: कृषत: 1 This akshara is rodundant. . These dandas aro superfluous. • Read सर्च विद्य• The akaharas in the brackets appear to be incised subsequently in place of the original ones. • Hero and in some places below the rules of sandhi have not been observed. • This mark of punctuation is superduous here. Read' सिहया - Read भूमिच्छिद्र. • Read 'शदधिकषु. A" Real नियामर्षण

Loading...

Page Navigation
1 ... 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436