Book Title: Dighnikayo Part 1
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 8
________________ १४० १९७ १९८ १९९ २०३ २०५ २०५ २०७ १४६ २०९ २११ २१४ २१५ द्वेपब्बजितवत्थु ७. जालियसुत्तं द्वेपब्बजितवत्थु ८. महासीहनादसुत्तं अचेलकस्सपवत्थु समनुयुञ्जापनकथा अरियो अट्ठङ्गिको मग्गो तपोपक्कमकथा तपोपक्कमनिरत्थकथा सीलसमाधिपञ्जासम्पदा सीहनादकथा तित्थियपरिवासकथा ९. पोट्ठपादसुत्तं पोट्ठपादपरिब्बाजकवत्थु अभिसञानिरोधकथा सहेतुकसअप्पादनिरोधकथा सञ्जाअत्तकथा चित्तहत्थिसारिपुत्तपोट्टपादवत्थु एकंसिकधम्मो तयो अत्तपटिलाभा चित्तहत्थिसारिपुत्तउपसम्पदा १०. सुभसुत्तं सुभमाणववत्थु सीलक्खन्धो समाधिक्खन्धो पञाक्खन्धो ११. केवट्टसुत्तं केवट्टगहपतिपुत्तवत्थु इद्धिपाटिहारियं आदेसनापाटिहारियं १४३ अनुसासनीपाटिहारियं १४३ भूतनिरोधेसकभिक्खुवत्थु १४६ तीरदस्सिसकुणुपमा १२. लोहिच्चसुत्तं १४७ लोहिच्चब्राह्मणवत्थु १४९ लोहिच्चब्राह्मणानुयोगो १४९ तयो चोदनारहा १५१ नचोदनारहसत्थु १५५ १३. तेविज्जसुत्तं १५७ मग्गामग्गकथा १५८ वासेठ्ठमाणवानुयोगो १६० जनपदकल्याणीउपमा १६० निस्सेणीउपमा १६१ अचिरवतीनदीउपमा १६२ संसन्दनकथा ब्रह्मलोकमग्गदेसना १६८ तस्सुद्दानं १६९ | सद्दानुक्कमणिका १७३ | गाथानुक्कमणिका १७८ | संदर्भ-सूची १८० १८० १८२ २१६ arrr १६५ प [१] [३३] AFTERESTERNET १८४ १८९ १९५ १९५ १९६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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