Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

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Page 169
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १६० वर्णबीजकोषा शब्द मर्थ शब्द अर्थ शब्द वामनीक:-वी वारणा-आ वास्तोष्पति-दाल वामपन्मूलम्-त वारणार्णम्-ह्रीं वास्या-ट वामपादस्थित:-ह वारणी-ऋ वाहनम-घ वामपादंगुलितलगा-ज वारांनिधि:-6 वाहिनीपति:-रू वाममणिमध्यग:-न वाराही-आओए।चात वालिकम-ग्लों वामलोचनम्-ई वारि-वावं वि:-:(अः) वामलोचना-ऋ वारिचारका-व विकटम्-छ वामशक्ति:-त वारिजम्-ठः विकराल:-(अं) वामशाखामूल:-झ वारिजा-ऐ विकराली-(अं) वामश्रुतिः-ऊ वारिद:-व विकामा-उ वामस्कन्धः-चाल वारिधि-रूँ विकृत:-ओ वामहस्ताग्रगःवारिनिधि:-रूँ विकृतमुखीवामहस्तांगुलितलगः-झ वारिराशि:-रू विकृता-क्ष वामहस्तांगुलिमूलम्-झाद वारुणः-क। विकृताकृतिमण्डल:वामहस्तांगुल्यग्रगः- पारुणम्-काव विकृति:-आणिकाख वामा-नास्त्रिी वारुणिक:-व विघ्नम्-इ वामाक्षी-ईओ वारुणी-ऋाराश विघ्नप:वामांसगत:-व वार्ता-दाध विघ्नराज:-आ। वामी-झान वार्तादा-प्री विघ्नवारणम्-फट् वामोद:-ज वाधि: विघ्नहर्ता-उाक्ष वामोरुः-थास वार्ष:-कं विघ्न हारिणी-क्ष वामोरुनिलयः-त वार्षिक:-क्र विघ्नहत्-उ वामोरुमूलग:-त वास:-वाहासी: विघ्नेश:-आढ वायवी-ऐ।ओ।शाष वासंकरी-ओ विचित्रा-:(:)।चाक्रीम् वायु:-खाङाझाटाढासायं वासना-ई।ए।ऐ।एँ विजया-आऋाहरूफेम् वायुपूज्या-प्रीं वासवः-ल विजयाबीजम्-श्नो वायुवेगी-य वासिनी-ल विजयी-उ वायुसखः-रारं वासु:-आउओक्लीं विज्ञानात्मा-(अं) वोरण:-खाक्रां वासुदेवः-आउओक्लीं विदुषी-ओ वारणम्-ए।ऐं।क्रां वास्तुदेवता-(अं) विद्या-आइकाऋागाच For Private and Personal Use Only

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