Book Title: Dharmik Vahivat Vichar
Author(s): Chandrashekharvijay
Publisher: Kamal Prakashan

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Page 14
________________ 121 प्र. 107 उपाश्रयका, लग्नकी बाडी रूपमें साधारणकी आय करनेमें उपयोग किया जाय, यह उचित है ? 118 प्र. 108 उपाश्रयकी देखभालके लिए रखे गये जैनको साधर्मिक विभागमें से वेतन दिया जाय ? पाठशाला - प्रश्रोत्तरी (9) प्र. 109 टी. वी. आदि के झंझावातमें पाठशालाएँ टूटी हैं, क्या किया जाय ? प्र. 110 देवदेवताके भंडारमेंसे पाठशालाके लिए रकमका उपयोग किया जाय ? 120 प्र. 111 पाठशालाके लिए ज्ञान विभागमेंसे किताबें खरीदी जायँ ? 120 प्र. 112 पाठशालाका खर्च निकालनेके लिए भेंट कूपनोंकी योजना बनायी जाय ? 121 प्र. 113 पाठशालामें भी स्कूल की तरह फीस ली जाय ? - प्र. 114 जैनधर्मको प्रधानता देनेवाले स्कूल, कालिज आदिकी .. . जरूरत है ? प्र. 115 पाठशालाका खर्च निकालनेके लिए, बारह मासके चढ़ावे बोल कर बोर्ड रखा जाय ? आयंबिल विभाग (10) प्रश्रोत्तरी प्र. 116 आयंबिलशालामें बची रसोई गरीब आदिको दी जाय ? 123 प्र. 117 घरमें आयंबिल करनेके बजाय आयंबिल विभाग क्या - योग्य है ? प्र. 118 आयंबिल विभागको रकम, साधर्मिक, पाठशाला आदिमें उपयोगमें लायी जाय ? .. कालकृत विभाग और निश्राकृत विभाग (11 + 12) प्रश्नोत्तरी प्र. 119 कालंकृत और निश्राकृत विभागोंकी रकमका उपयोग - देवद्रव्यादिमें किया जाय ? . अनुकंपा विभाग (13) प्रश्नोत्तरी प्र. 120 रथयात्रादि वरयात्राके पीछे रही अनुकंपाकी गाडीके खर्चकी रकम किस विभागमेंसे ली जाय ? 124 प्र. 121 गरीबोंके लिए खिचडीघर, छाशकेन्द्र आदि खोले जायँ, यह . उचित होगा ? (Ys 123

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