Book Title: Chikitsa Chandrodaya Part 05
Author(s): Haridas
Publisher: Haridas

View full book text
Previous | Next

Page 712
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ११. ) मैला पानी निकालकर मगज़ और आँखोंको ठण्डा कर देता है । पढ़नेलिखने में चित्त लगाता और माथेकी थकानको दूर कर देता है । गरमी, सर्दी, जुकाम या बादीसे कैसा ही घोर सिर-दर्द हो; लगाते ही ५ मिनटोंमें छूमन्तर हो जाता है। सिर-दर्दकी इसके समान जल्दी आराम करनेवाली दवा और नहीं है। आप कामसे छुट्टी पाकर इसे लगाकर शीतल पानीसे सिर धो लीजिये । फिर देखिये, कि यह स्वदेशी पवित्र तैल कैसा स्वर्गका आनन्द दिखाता है। वकील, मास्टर, मुनीम, विद्यार्थी, दलाल, दूकानदार सबको इस अद्भुत तैलको खरीदकर परीक्षा करनी चाहिये । सुन्दर सुडौल २ औन्सकी शीशीका दाम भी हमने केवल ॥) ही रक्खा है। बङ्ग देशमें इसका खूब प्रचार है । कोई गृहस्थ इससे खाली न रहना चाहिये । कृष्णविजय तैल। (चर्म-रोगका शत्र) अगर आपको या आपके मित्र-पड़ोसियोंको खून-फ्रिसादका रोग है, अगर बदनमें लाल लाल या काले-काले चकत्ते हो जाते हैं, अगर दाद, खाज, खुजली, फोड़े, फुन्सियोंसे शरीर खराब हो रहा है या शरीरमें घाव हैं, तो आप हमारा मशहूर "कृष्णविजय तैल" क्यों नहीं लगाते ? __ हमारे तीस बरसके परीक्षित कृष्णविजय तैलसे सूखी-गीली खाज, खुजली, फोड़े, फुन्सी या गर्मीकी सूजन, अपरस, सेंहुआ, सफेद दाग़ भभूत आदि चमड़ेके ऊपर होनेवाले समस्त रोग जादूकी तरह आराम होते हैं । जिनका बिगड़ा खून अँगरेजी सालसेकी शीशियोंपर-शीशियाँ पीनेसे न आराम हुआ हो, जिनके शरीरके घाव अँगरेजी नामी दवा “कारबोलिक आयल" या "आयडोफार्म से न आराम हुए हों, वे एक बार इस नामी "कृष्णविजय तैल"की परीक्षा ज़रूर करें। यह तैल कभी निष्फल नहीं होता। गये ३० बरसमें इसने लाखों रोगियोंको सड़नेसे बचाया है। जिसके नाखन गलकर गिर गये हों, For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720