Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam Balavbodh Sahit
Author(s): Devendrasuri
Publisher: Unknown

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Page 8
________________ देववंदन नाष्य अर्थसहित. १० नवकार प्रमुख नवसूत्रानी संप दानुं धार. ए७ १९७० ११ नमोबुणादि पांच दंमक धार, ५ १एसए १२ देव वांदवाना बार अधिकारनुं धार. १३ १एन् १३ चार वंदनीयर्नु हार. ४ १एए? १४ स्मरण करवा योग्यतुं हार. १ १२ १५ नामादि चार प्रकारे जिन- हार.४ १६ १६ चार यु कहेवानुं धार. ४ २०० १७ देव वांदवाना आठ निमित्तनुं चार. २००० १७ देव बांदवाना बार हेतुनुं धार. १२ २०० १ए कानस्सग्गनासोलागारनुंहार.१६ २०३६ ३०. कानस्सरगना नगर घर. रए २०५५ १ कानस्सग्गना प्रमागर्नु हार. १ २०५६ २२ स्तवन केम करवू? तेनुं चार. १ २०५७ २३ सात वार चैत्यवंदन करवानुं हार.७ २०६४ श्व दश आशातना त्यागवानुं हार.१०. २०७४ हवे ए चोवीशे हारना उत्तर दनुं स्वरूप

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