Book Title: Chaityavandanadi Bhashya Trayam
Author(s): Balabhai kakalbhai
Publisher: Balabhai kakalbhai

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Page 12
________________ MOTBAD/EDDD/ vaavaaus/ चै०भा०|| है। नेद 2074 थाय ले. माटे चोवीश धारनां नाम, प्रत्येक छारना उत्तर नेदनी संख्या सहित चार 2 // गाथायें करी कहे .. ___ चार गाथाथी 24 द्वार कहेछे. दुदिसि-वे दिशाभोर्नु | वांदवानुं | वण्णा-वर्ण-अक्षर तिग- श्रीक तिहुग्गह त्रण मकारनाअवग्रहनु पणिवाय-मणिपात करवान सोल सय सीयाला-शोलशेने अहिगम-अभिगम तिहाउवंदणया-त्रण प्रकारे / नमुकाग-नमस्कार करवानुं सुडतालीश पणगं-पंचक च०भा० D/ D/ / /autivate 0Bara/E8/Rama दहतिगअहिगम पणगं, दुदिमितिहग्गहतिहाउ वंदणया॥ पणिवायनमुक्कारा, वण्णा सोलसयसीयाला // 2 // शब्दार्थ-१ नैषेधिक आदि दशत्रिक, 2 पांच अभिगम, 3 स्त्री पुरुषने उभा रहेवानी बे दिशा, 4 जघन्य मध्यम, S2 // उत्कृष्ट त्रण अवग्रह, 5 प्रण प्रकारर्नु चैत्यवंदन, 6 पांच अंगे प्रणिपान, 7 नमस्कार, 8 नवकार प्रमुख नव सूत्रना सोलसाने सुटतावीश अक्षर-॥२॥ NavaDHAV क For Personal Private Only

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