Book Title: Bruhat Paryushananirnay
Author(s): Manisagar Maharaj
Publisher: Jain Sangh

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Page 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir RA JK 10 .A AT.. ॥ अहम् ॥ श्रीशांतिनाथाय नमः॥ १.................... बृहत्पर्युषणा निर्णयः पूर्वार्द्ध, प्रथम-दूसरा खंड. .. कर्ता मान् परमपूज्य उपाध्यायजी श्री १००८ श्री सुमतिसागरजी महाराजके लघु शिष्य मुनि श्रीमणिसागरजी महाराज. __ प्रसिद्ध कर्ता लकत्ता, मुर्शिदाबाद, वीकानेर, जयपुर, जेसलमेर, मुंबई, धूलिया, चालीसगांव वगैरह शहरोके जैन संघकी द्रव्य साह्यतासे म अभयदेवसूरि ग्रंथमालाके कार्यवाहक कलकत्ता. तथा पवत्तसूरि ज्ञान भंडारके कार्यवाहक, शा.पानाचंद भगुभाई,सुरत. मूलग्रंथ बी. एल. प्रेस, कलकत्ता छपा. आदि, धि आरमाराम प्रिंटिंग अॅन्ड पब्लिशिंग कंपनी, श्री. वि. ". जावडेकर द्वारा भारमाराम छापखाना धूलियामें छपा. श्रीवीरनिर्वाण संवत् २४४७. विक्रम संवत् १९७८. वैशाख शुदी ३ मंगल वार. वार ३१५० कॉपी.] मेट मूल्य सत्य ग्रहण, For Private And Personal

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