Book Title: Bruhad Nirgranth Stutimani Manjusha Part 01
Author(s): M A Dhaky, Jitendra B Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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(३) श्रीपउमचरिय-अंतर्गता वासवोक्तऋषभदेवस्तुतिः (प्रायः ईस्वी दशम शताब्द्याः पूर्वार्धम्)
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...... छन्दः)
जय तिहुअण-गुरु णयणाणन्दण ॥ ६ ॥ जय देवाहिदेव परमप्पय । जय तियसिन्द-विन्द-वन्दिय-पय ॥ ७ ॥ जय णह-मणि-किरणोह-पसारण । तरुण-तरणि-कर-णियर-णिवारण ॥ ८ ॥ जय णमिएहि णमिय पणविज्जहि । अरुहु वुत्तु पुणु कहो उवमिज्जहि ॥ ९ ॥
घत्ता जग-गुरु पुण्ण-पवित्तु तिहुअणहो मणोरह-गारा । भवे भवे अम्हहुँ देज्ज जिण गुण-सम्पत्ति भडारा ॥ १० ॥

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