Book Title: Bhairav Padmavati Kalp
Author(s): Mallishenacharya, Chandrashekhar Shastri
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 157
________________ भैरव पन्नावती कल्प [१३७ आमरी दूति रात्रीश्च, रंगिनी रतिदा रुषा । स्थूला स्थूलतरा स्थंडिल शेष बासिनी ॥ ११ ॥ स्थिरस्वानवती देवी, घनघधरनादिनी । श्वेमंकी क्षेमवती, क्षेमदा क्षेमवद्धिंना ॥ १२ ।। सेलूष रूपिणो शिष्टा, संसाराणब तारिणी । सदा सहायिनी तुभ्यं, नमस्तुभ्यं महेश्वरी ॥ १३ ।। इती चक्रेश्वरी शतं ॥ १० ॥

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