Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 564
________________ ७९१ पृष्ठ | सूत्र पंक्ति २ | प्राग्भारा में ३ गौतम! २ | हैं?.....उसी प्रकार पृच्छा। ३ | इसी ३ संस्थान। पृष्ठ | सूत्र पंक्ति अशुद्ध ६२/२ | वृत्त-संस्थान (वृत्त-संस्थान) वाला है.....? पृच्छा वाला है-पृच्छा। त्रिकोण-संस्थान (त्रिकोण-संस्थान) क्या कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन (क्या कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाला.....? | करने वाला).? की वक्तव्यता वैसी की भांति संस्थान......? पृच्छा। संस्थान-पृच्छा। आयत-संस्थान (एक) (आयत-संस्थान) १ | कृतयुग्म प्रदेशों कृतयुष्म-प्रदेशों ७९२ परिमण्डल-संस्थान (परिमण्डल-संस्थान) ३ |से भी और विधान की अपेक्षा से भी भी और विधान की अपेक्षा भी प्राग्भारा की गौतम! (वहां परिमण्डल-संस्थान) हैं.? (उसी प्रकार पृच्छा)। यह पैरा पिछले पैरे के साथ है। |संस्थान (वक्तव्य हैं)। हैं.? (उसी प्रकार पृच्छा) वृत्तसंस्थान प्रकार (वक्तव्य हैं)। संस्थान (वक्तव्य हैं)। |-संस्थान के साथ। हैं-पृच्छा । गौतम ! (वहां परिमण्डल-संस्थान) पृष्ठ | सूत्र पंक्ति | अशुद्ध ७५ | ३ | लोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां द्रव्य (लोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां द्रव्य | की अपेक्षा की अपेक्षा) २ संख्येय........? संख्येय हैं? २ लोकाकाश (लोकाकाशश्रेणियां भी। इसी श्रेणियां) भी (वक्तव्य हैं)। इसी लम्बी लोकाकाश लम्बी (लोकाकाशश्रेणियां भी। श्रेणियां) भी (वक्तव्य हैं)। अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां (अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां द्रव्य द्रव्य की अपेक्षा की अपेक्षा) ४-६ | लंबी अलोकाकाश लंबी (अलोकाकाशश्रेणियां भी। श्रेणियां) भी (वक्तव्य हैं)। | श्रेणियां भी। (श्रेणियां) भी (वक्तव्य हैं)। ३ | उसी प्रकार पृच्छा...वृत्त-संस्थान ३ प्रकार। ३ संस्थान। ५ -संस्थान। २ |है....पृच्छा। ३ गौतम! हैं....? १ हैं.....? उसी २ संस्थान। १ पृथ्वी पर एक २ संख्येय हैं.....? ३ गौतम! ३ संस्थान अनंत हैं। आयत-संस्थान । ६ अधःसप्तमी। श्रेणियां) हैं.? इसी संस्थान (वक्तव्य हैं)। पृथ्वी में एक संख्येय हैंगौतम ! (वहां परिमण्डल-संस्थान) संस्थान (वक्तव्य है)। आयत-संस्थान (वक्तव्य हैं)। अधःसप्तमी में पृथ्वी की वक्तव्यता निष्पन्न परमाणु-स्कन्ध है और ३ | वृत्त संस्थान ओघ की अपेक्षा से | (वृत्त-संस्थान) ओघ की अपेक्षा कल्योज--प्रदेश कल्योज-प्रदेश त्रिकोण-संस्थान ओघ की (त्रिकोण-संस्थान) ओघ की अपेक्षा अपेक्षा से द्वापरयुग्म से द्वापरयुग्म अवगाहन नहीं करते, अवगाहन करने वाले भी हैं, करने वाले भी हैं। नहीं करते। (यह अर्थ हेम भगवती में उपलब्ध पाठान्तर के आधार पर है।) ६८७-८ | चतुष्कोण-संस्थान की वृत्त- वृत्त-संस्थान की भांति चतुष्कोण | संस्थान की भांति वक्तव्यता। संस्थान (वक्तव्य हैं)। | ६९| २ | आयत-संस्थान ओघ की अपेक्षा से (आयत-संस्थान) ओघ की अपेक्षा | ४ | परिमण्डल-संस्थान ओघ की अपेक्षा (परिमण्डल-संस्थान) (ओघ की से अपेक्षा) ७९३ परिमण्डल-संस्थान ओघ की अपेक्षा (परिमण्डल-संस्थान) ओघ की अपेक्षा पृथ्वी। | निष्पन्न पुद्गल-स्कन्ध १६ है, और ७९२ | ७९२ ८,९ | और है और करने वाला है। करने वाला है, वाला...... है? वाला३ | परिमंडल संस्थान द्रव्य की अपेक्षा (परिमण्डल-संस्थान द्रव्य की अपेक्षा) १ अपेक्षा.....? अपेक्षा०? , संस्थान। संस्थान (वक्तव्य है)। २ गौतम! लोकाकाश गौतम! (लोकाकाशअपेक्षा अपेक्षा) लंबी लोकाकाश लंबी (लोकाकाशश्रेणियां भी श्रेणियां) भी (वक्तव्य हैं)। | श्रेणियां हैं........? २ | अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां (अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां प्रदेश प्रदेश की अपेक्षा की अपेक्षा) १ श्रेणियां.....? पृच्छा।। श्रेणियां-पृच्छा २ | पूर्व-पश्चिम की ओर लम्बी (पूर्व-पश्चिम की ओर लम्बी अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां |अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां) ओर अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां ओर (लम्बी) (अलोकाकाश-प्रदेश की भी। श्रेणियां) भी (वक्तव्य हैं)। १ श्रेणियो.....? पृच्छा। श्रेणियां-पृच्छा। २ | ऊर्ध्व-अधः की ओर लम्बी (ऊर्ध्व-अधः की ओर लंबी अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां) ३ आकाश-प्रदेश की श्रेणियां | (आकाश-प्रदेश की श्रेणियां) ,, नहीं है नहीं हैं, आकाश-प्रदेश की श्रेणियों को | (आकाश-प्रदेश की श्रेणियां वक्तव्य वक्तव्यता है। १ हैं?......पृच्छा। हैं पृच्छा । २ लोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां (लोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां) आकाश-प्रदेश की श्रेणियों की (आकाश-प्रदेश की श्रेणियां वक्तव्यता। वक्तव्य हैं)। १ | हैं?......पृच्छा। अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां | (अलोकाकाश-प्रदेश की श्रेणियां) ४ लंबी श्रेणियों को वक्तव्यता। लंबी (श्रेणियां वक्तव्य हैं), आकाश-प्रदेश की श्रेणियों (आकाश-प्रदेश की श्रेणियों) १ योज हैं.....? त्र्योज हैं हैं....? परिमण्डल-संस्थान ओघ (परिमण्डल संस्थान) ओघ कल्योज है। कल्योज हैं। संस्थान । संस्थान (वक्तव्य है)। १ कृतयुग्म है......? कृतयुग्म है२ | परिमण्डल संस्थान प्रदेश की अपेक्षा (परिमण्डल-संस्थान प्रदेश की अपेक्षा) संस्थान। संस्थान (वक्तव्य है)। | परिमण्डल-संस्थान (परिमण्डल-संस्थान) संस्थान। संस्थान (वक्तव्य है)। ३ परिमण्डल-संस्थान (परिमण्डल-संस्थान) ६१ | ४ नहीं हैं, नहीं है, ६२ । १ वाला है.....? पृच्छा वाला है-पच्छा। आयत-संस्थान आयत-संस्थानों अपेक्षा से क्या अपेक्षा क्या कृतयुग्म-पर्याय कृतयुग्म-पर्यव कल्योज-पर्याय कल्योज-पर्यव परिमण्डल-संस्थान कृष्ण-वर्ण- | (परिमण्डल-संस्थान कृष्ण-वर्ण पर्यवों की अपेक्षा से स्यात् | पर्यवों की अपेक्षा) स्यात् ७९३ कृतयुग्म-पर्याय कृतयुग्म-पर्यव वक्तव्यता (वक्तव्यता) ७२ | ५,६ | अपेक्षा से वक्तव्यता अपेक्षा (वक्तव्यता) | ३ |आकाश-प्रदेश की श्रेणियां द्रव्य की| (आकाश-प्रदेश की श्रेणियां द्रव्य की अपेक्षा अपेक्षा) ७९३ | ७४-३,३ आकाश-प्रदेश की श्रेणियां भी। (आकाश-प्रदेश की श्रेणियां) भी | (वक्तव्य हैं)।

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