Book Title: Bhagvati Sutram Part 04
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 230
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ध्याक्यायतिः ॥ १०६३।। www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir पोग्गलपरियहे पण्णत्ते ?, गोगमा ! सत्तविहे पोग्गलपरिग्रहे पण्णत्ते, तंजहा-ओरालियपो० वेउब्बियपोग्गलपरियडे जाव आणापाणुपोग्गलपरियडे एवं जाब बेमाणियाणं एगमेगस्स णं भंते! नेरइयस्स केवइया ओरालिपोग्गल परिया अतीया ?, अजंता, केवइया पुरेक्वडा १, कस्सइ अस्थि कस्सह नत्थि जस्सत्थि जत्रेणं पको वा दो वा तिन्नि वा उक्कोसेणं संखेज्जा वा असंखेज्जा वा अनंता वा । एगमेगस्स णं भंते! असुरकुमारस्स केव | तिया ओरालियपोग्गला ?, एवं चेव, एवं जाव वैमाणियस्स । एगमेगस्स णं भंते । नेरइयस्स केवतिया वेडव्वियपोग्गल परियट्टा अतीया ?, अनंता, एवं जहेब ओरालियपोग्गलपरिपहा तहेब वेउब्वियपोग्गलपरियद्यावि भाणिपव्वा, एवं जाव वैमाणियस्स आणापाणुपोग्गलपरियडा, एते एगत्तिया सत्त दंडगा भवंति । नेरश्याणं भंते! केवतिया ओ० पोग्गल परियट्टा अतीता १, गोयमा ! अनंता, केवढ़या पुरेक्खडा ?, अनंता, एवं जाव वेमाणियाणं, एवं वेडव्वियपोग्गल परियद्वावि एवं जाव आणापाणुपोग्गल परियट्टा वैमाणियाणं, एवं एए पोहत्तिया' सत्त चडब्बी सति दंडगा ॥ हे भगवन् ! ए परमाणुपुद्गलोना संयोग अने भेदना संबंधथी अनन्वानव पुलपरिवर्तो जाणवा योग्य के माटे का छे ? [अ०] हा, गौतम ! संयोग अने भेदना योगधी ए परमाणुपुद्रलोना अनंतानंत पुद्गलपरिवर्तो जाणत्रा योग्य के माटे कला छे. [प्र० ] हे भगवन् ! पुलपरिवतों कटला प्रकारना कया छे ? [३०] हे गौतम! पुलपरिवत्तों सात प्रकारना कया छे, ते आ प्रमाणे- १ औदारिकपुद्गल परिवर्त, २ वैक्रियपुद्गल परिवर्त, ३ तेजसपुद्गलपरिवर्त, ४ कार्मणपुद्गल परिवर्त, ५ मनपुलपरिवर्त, ६ वचनपुद्गलपरिवर्त For Private And Personal १२ शतके उद्देशः४ १६३

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