Book Title: Bhagavana Mahavira ki Suktiya Author(s): Rajendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 8
________________ प्रकाशकीय भगवान महावीर के पच्चीससौवी निर्वाण तिथि के उपलक्ष मे 'भगवान् महावीर की सूक्तियां' प्रकाशित करते हुए हमे परम आह्लाद है, भगवान् महावीर की वाणी आगम के नाम से विश्रुत है, जिसमे अगणित विचार रत्न भरे पड़े हैं, उस आगम साहित्य का मन्थन कर श्री राजेन्द्रमुनि शास्त्री ने सूक्तियों का अनूठा सकलन तैयार किया, यह संकलन अपने आप में मौलिक है। इसमें आध्यात्म, धर्म, नीति, कर्त्तव्य, साधना, समभाव, वीतराग आदि विषयो पर सूक्तियां सकलित की गयी हैं। यह सग्रह मुनि श्री जी. ने श्री देवेन्द्र मुनि जी के निर्देश से सन् १९७२ मे तैयार किया था, संकलन को सूक्तिया लगभग २५ सौ हैं, पर पुस्तक अत्यधिक बडी होने के भय से प्रस्तुत पुस्तक में एक हजार आठ सूक्तिया ही दी जा रही है यद्यपि सूक्तियों के अनेक सकलन अनेक सस्थामो की ओर से समयसमय पर प्रकाशित हुए हैं, पर वे सकलन इतने बृहत्काय हो गए है कि उन्हे आज का प्रबुद्ध पाठकPage Navigation
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