Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
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१८०1 बांकीदासरी ख्यात
[२१७९-२१९१ २१७९ भीमराजरा वसमे आसिया हरराम उदभाणोत हुवो। २१८० गाव जोगलियारो सामोर महेसदास जिण महाराज गजसिंघजीनूं जीभ
दिखाडी महाराज सामोरारी जातसू ऊदावत हुवा. महेसदासरो भतीजो हेमो, गणेसदासरो वेटो जोबनेर जाळपादेवीरी क्रिपासू विद्यावान हुवो
भाखा चत्र रूपग महाराजरो वणायो । २१८१ वेलारो अमरो, अमरारो राणो, राणारी सूरो, सूरारो करमसी, करमसीरो
वैरो नै काधल, कावलरै भीमराज जिण दारोली नै जीतावास दोय
सासण पाया। २१८२. वैलो १, अमरो २, राणो ३, सूरो ४, करमसी ५, कावल ६, भीमराज ७,
अखैराज ८, उदैभाण ९, हरराम १० जीतावत हुवो। २१८३ भारमल १, सादूळ २, जगमाल ३, किसनो ४, कमो ५ - पांच बेटा आढा
दुरसारै हुवा। २१८४ भारमलरा गाव पेसुवै १, जगमालरा गाव झारवा २, सादूलरा गाव लुगीमे,
किसनारा गाव पाचेटिय, रायपुरियै । २१८५ भारमल दुरसावतरै च्यार बेटा हुवा - रूपजी १, भीमजी २, नदोजी ३,
चदोजी ४, वडी डोढी रूपजीरी चालक नै चरोमढ रूपजीरो डोढीमे । २१८६ वरायळ १, हीगोळो २, लासोळ ३, पाचेटियो ४ - च्यार गाव किसने
दुरसावत पाया किसनारै बेटा दोय - महेसदास १, मेघराज २. वरायळ,
हीगोळो मेघराजरै रह्या पाचेटियै । २१८७ पसायत गाडणरी वेटी नाम मेली आढानू परणायी मेलीरो सावकुत वेटो हो
__ जिणनू मार पसायतरा बेटा आढारी जमी अपणाय गाडणा वसायी वाय कनै । २१८८ लालस पीरदानरी बहन नाम कामळ उवा गाव खारडै महेवामे वारट
कुभानू परणायी हुती वडो धन हुतो लालसजी कहाणी. वडा लाहा लीधा। २१८९ सवत १७८४ जेठमें राणै अजैसी सोदा वारूनू प्रोळपात कियो चितोड्।। २१९० महपैरा धववाडिय धधवाडासू चितोड जाय सागा राणानू रिझाय गाव
ढोकळियो लियो सवत १५५३ सासण पायो । २१९१ मूळीरै धणी सोढै रतन ऊगा-आथविया ताईं मीसण परवतनू कोड़पसाव
* दियो पचास लाख नगद, पचास लाखरो भरणो नै लाख रुपियारो माल नवैनगर वाई सोढीनू मेलियो।

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