Book Title: Aradhana Kathakosha
Author(s): Bhattarak Chandrakirti, Shantikumar Jaykumar Killedar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 779
________________ ७५४ : आराधना कथाकोष कपिला कमळावती कनकरथ कनकप्रभा कंडार पिंगाक्ष कामसेना कालियनाग कागासुर काळसजीव कार्तिक कार्तवीर्य कश्यपी कावि काळमेघ कीर्तिवीर्य कंस कौंचराव कौंडेश कुंदकुंदान्वय कुबेरदत्त कृत्तिका खन्डक गजकुमार गजवदन गरुड गरुडदत्त गर्गाचार्य गर्दभ Jain Education International ४५०-८७ ४४७-४३ ४२६-६६ ६०२-२२ ३८३-३ १०९-५७ ४८२-१९८ ४८२-१९४ ६१८-१२ ५५४-३२ ५८५-४२ ५१७-५४ ५७७-१९२ ६५७-५३ ५१४-२१ ४७३-८७ ५५४-४२ ६८९-१२३ २-९ ३८३-४ ५५४-३३ ५७५-१७५ ५३९-३ २६९-५१ १८० - ११ ४६२-३७ ६२१-४६ २६५-५ गुणपाल गुणवंती गुरुदत्त गोपवती गोपायन गोविंद गोशृंग ( तापस ) गंगाधर गंगाभट गंधमित्र गंधर्वराज गंधर्वसेना भोइ गांधारी ग्रीव घुमारि चक्रायुध चई चक्ररथ चारु ( कन्यका ) चारुदत्त चाणक्य चाणूरमल्ल चित्रमाला चित्रगुप्त चिलाईत चेलना चेटक For Private & Personal Use Only ३३३-१० ५२६-१६१ ५६४-५१ ३९४-६ २०९-४ ७०७-१३७ ८८-३३२ २६९-४६ ५०३-६८ ४९१-७७ ४९२-९४ ४९२-९४ ४२०-२ ४९२-९४ ४१६-८६ ४८१ - १७६ ८६-३१० ६४५-१०६ ६११-१२६ ५९२-१२८ ४१०-१७ ५७७-१९३ ४८३-१९९ ८६-३११ २३९-९७ ५६७-९० १५४-१४३ ४२३-३२ www.jainelibrary.org

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