Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 69
________________ आगम संबंधी साहित्य अंग-सूत्रादि-अकारादि [ण-कार ] प्रत सूत्रांक यहां देखीए R दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राचादि. सूत्रे. ८आ. ९सू. सूत्रायङ्कः सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राधादि. सूत्रे, सूत्रायक १४ उपा. १०स्था. पण कुब्वती महावीरे ९ ६२९* नस्थि पेज्जे व दोसे वा ९ ६५७४ | णमो बंभीए लिवीए १२ ४१५ अंत११ स.टणग्योहसचिवण्णे ११ १०८* | णस्थि बंधे व मोक्खे वा ९ ६५०० ण य संखयमाहु जीवितं ९ १५२२ अनु. १२ भ. IPाणच्चा ण से महावीरे ८ १०२४ | णस्थि माया व लोभे वा ९ ६५६४ | य संखयमाहु जीवियं ९ १३१५ १६ प्रश्न. १३ शा. |ण तेसु कुज्झे ण य परहेजा ९ ५८८७ | णस्थि लोए अलोए वा ९ ६४७ | णव गेवेज्जविमाणपत्थडा १० ६८५ G१७ विपा. ॥६३॥ गस्थि आसवे संवरे वा ९ ६५२% | णस्थि वेयणा निज्जरा वा ९ ६५३४ | णव णक्खत्ता चंदस्स पच्छभा०१० ६९४ पत्थि कल्लाण पावे वा ९ ६६३* | णस्थि साहू असाहू वा ९ ६६२*णवणवमिताणं भिक्खुप० १० ६८८ णस्थि किरिया अकिरिया वा ९ ६५४* पत्थि सिद्धी असिद्धी वा ९ ६६०णवपएसिता खंधा अ० १० ७०३ णथि कोहे व माणे वा ९ ६५५४ | णत्थि सिद्धी नियंठाणं ९ ६३१७ णव पावस्सायतणाप० १० ६७७ णस्थि चाउरते संसारे ९ ६५८४ | ण दुकर वा नरपासमायणं ९ २००नि. णव बंभचेरगुत्तातो १० ६६३ स्थि जीवा अजीवा वा ९ ६४८* णमिज्जई महावीरे ९ ६१४* णवबंभचेरमइओ णत्थि देवो व देवी वा ९ ६५९* | णमि मातंगे सोमिले १० १६२ | णव बंभचेरा पणत्ता १० ६६२ | गस्थि धम्मे अधम्मे वा ९ ६४९* | णमो अरहताणं १२ १ |णवमस्स उक्खेवओ १३ १५३ लास्थि पुण्णे व पावे चा ९ ६५१० णमो गोयमाईणं गणहराण १२ ८६९ । णव विगतीतो पण्णत्ताओ १० ६७४ CORRECACROA5 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~69~

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