Book Title: Agarwal Jati Ka Prachin Itihas
Author(s): Satyaketu Vidyalankar
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
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टिप्पणी
भाटों के इन गीतों में एक बात महत्व की है। इनमें उन अठारह बस्तियों का उल्लेख है, जिन्हें अगरोहा छोड़कर अग्रवालों ने बसाया था । अगरोहा से चलकर अग्रवाल लोग बहुत दिन तक इन तोशाम, महिम, सिरसा आदि अठारह बस्तियों में बसते रहे । वहां से फिर वे अन्य स्थानों पर गये । यही कारण है, कि आजकल बहुत से अग्रवाल परिवारों को यह स्मरण नहीं है, कि उनका आदिम निवास स्थान अगरोहा है । अपने आदि निवास स्थान के विषय में पूछने पर वे महिम, तोशाम आदि किसी बस्ती को बताते हैं। यह स्वाभाविक भी है। अगरोहा छोड़कर देर तक अन्य स्थान पर बसे रहने के कारण वे उसे ही अपना आदिम निवास समझने लगे। भाटों के गीतों में जिन अठारह बस्तियों का उल्लेख है, उनमें अब भी अग्रवालों की संख्या बहुत अधिक है । अग्रवालों की अनुश्रुति में यहां फिर 'अठारह' अंक का महत्त्व है।
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