Book Title: Agamsaddakoso Part 2
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 530
________________ (सुत्तंकसहिओ) ૫૨૯ देवतमिस [देवतमिस्र) हुमो ७५२' पन्न. ४६५; भग. ३१०; देवदीव देवद्वीप में नाम मेड द्वीप देवता /देवता] हेवता, हेव जीवा. २१७; ठा. ८८; जीवा. २०५; देवदीवग [देवद्वीपक] विद्वीप संमा सूर. १५,३६, चंद. १५,४०; जीवा. २१७; देवत्त [देवत्व] विपy | देवदुंदुभी [देवदुन्दुभि मे. पाच सूय. ६७०,६७१, ठा. ८७५; भग. ६३९; सम. १ थी ७,१०,१३,१८,१९,२५,२६,३१, || देवदुंदुहि [देवदुन्दुभि मेवाध ३५,४१,४२,४५,४९ थी ५४,५९ थी ६३, | नाया. १५२; ७७,१०१,१०८,१०९,१३१,१६५; || देवदुहदुहग [देवदुहदुहक] वितानो ' हु ई' नाया. ४१,५३,८०,१४०,१५२,१५५,१५७; એવો શબ્દ-વિશેષ उवा. १२,१९,२८,३१,३३,३६,४०,४७,५६ राय, ४२; जीवा. १७९; थी ५८; जंवू. २४०; अनुत्त. १,१२,१३, विवा. १०,३७; | देवदुग्गई [देवदुर्गति] अधम वने माश्रीने उव. ३४,४४,४८ थी ५१; દેવની દુર્ગતિ થવી તે राय. ६६ जीवा. ३४१; आउ. ३८ थी ४० पन्न. ४३७; कप्प. १; | देवदूस [देवदूष्य हव्य वस्त्र पुष्फि. ८,९; वहि . ३; ठा. ८७५; नाया. २२०,२२१; संथा. ९५; दसा. १०३थी १११; राय. ४१,४२,४४,६७; दस. २२२ उत्त. १९५, जीवा. १७९,१८०; देवत्ता [देवता] विता-हेव जंबू. ४३,४६,२४१; आया. ५१२; पुफि. ३,७ थी ९; पुप्फ. ३; ठा. १४३,१५८,३९८,७०२; देवदूसंतरिय [देवदूष्यान्तरित व्यवस्त्र नेमांतरे देवदंसण [देवदर्शन] हेवनुशन રહેલ सम. १४; दसा. १७; भग, १६२, ओह. १९९; देवदार [देवद्वार] हुमो 'देवदार' देवदार [देवद्वार] मे सिद्धायतननुं द्वार जीवा. २९४; ठा. ३२७; देवद्दीवग [देवद्वीपक] शुभी 'देवदीव' देवदारु (देवदार वृक्ष-विशेष जीवा. २१७; पन्न. ६०; देवनिकाय [देवनिकाय] हेवोनो समुदाय देवदाली [देवदाली मेंबर्डवाणी वेल ठा. ८४१; पण्हा. २३; पत्र. ४४,४६५; देविं. ३०८; देवदालीपुप्फ [देवदालीपुष्प] 'हेवहाली' नाम | देवपज्जलण [देवप्रज्वलन] स्तुति-4165 हेवવેલના ફૂલ વિશેષ 12/347 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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