Book Title: Agam Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 801
________________ सोरिय सोयमूलय आगम शब्दकोश सोहण १।६।१०,४०,४७,४८,१।१८।९,१३.अंत० ३।६८ सोल्लेत्ता [पक्त्वा] विवा० १।३।२१ सोयमूलय [शौचमूलक] नाया० ११५।५२,५५,५६,६०, सोवक्कम सोपक्रम] भ०२०।१।१,८६, ६० ६५; १।८।१४३ | भ० ५।२२५, २२६, २२८, २३० सोयर [ सोदर सू०१।३।२० से २३२ सोयरिय [शौकरिक] ठा० ४१३६३ ; ७।४३।६.पण्हा० सोवट्ठाण [ सोपस्थान] आ०५॥१०७ २०. विवा०१।३।६५ सोवणिय [शौवनिक ] सू०२।२।१६ सोयरिय [सौदर्य ] सू०१।१।५; २।२।१६ सोवणियंतिय [शौवनिकान्तिक ] सू०२।२।१६ सोयविय [ शौच] आ०६।१०२.सू० २।१।६७; २।२।५१ सोवण्ण [ सौवर्ण] अंत० ५।२५ सोयामणी[सौदामनी] नाया०२।३।६ सोवण्णिय [सौवर्णिक] ठा०८।६१.भ०६।१८२; ११।६१, सोयावणया [शोचन] भ० ३।१४५ १५६; १३।११५.नाया० १।१।११८; १८।२०५,२०७, सोरडिया [ सौराष्ट्रिका] आ० चू० ११७७,७८ २०८ सोरिय [शौरिक] ठा० १०।१११।१.विवा०१८।२,१४ सोवत्थि [सौवस्तिक] ठा०४।२६० ; ६।५२।१ सोरियदत्त [शौरिकदत्त] विवा०१।११७; १श्रु ०८ अ०; सोवत्थिय [सौवस्तिक] ठा०२।३२५. सम० ८८।२;प्र. १।८।२,६,१४,१५,१७ से २१,२३ से२७ ११०.नाय! ०१।१।१४३ सोरियपुर [शौरिकपुर] विवा० १।८।२,३,८, २१ । सोवयार [सोपचार] ठा०७।४८।८ रकावतंसक] विवा०शमा२ धक आ० ४।३६।११५ सोलस [षोडशन् ] आ० ६।८. ठा०१।२४८.सम०१६।१. सोवाग [श्वपाक] आ०६।४।११.ठा०४।५४१ भ० १।३३४. नाया० १।१३।२८. उवा० ४।३६.अंत० सोवागी [श्वपाकी] सू०२।२।१८ श१४.अणु० १८. पहा०४१५.विवा०१।१।५२ सोवाण [सोपान] ठा०४।३४०,सम०प्र०६० सोलसखुत्तो [षोडशकृत्वस्] भ०३५।२२ सोवीर सौवीर आ० चू०१।११०,१५१ सोलसम [षोडश] ठा० ६।६७. भ० २।६२; १७।८७; सोवीरय [ सौवीरक ] ठा० ३।३७८ १८।३८,४१, १६।१११.नाया०१।१२००७१।२०; सोवीरवियडकुंभ [सौवीरविकटक भ] भ०१६।१०१ १।१६।१,३२७; १।१७।१.अंत० ८।८,२१,२६ से ३१. सोवीरा [सौवीरा] ठा०७।३६।१ विवा० १।३।१४ सोस [शोष] भ०३।२५८ सोलसय [षोडशक] सम० ३७।२; १४२।१.अंत० ६।२ सोसग [शोषक ] पण्हा० १।२० सोलसविध [षोडशविध] ठा० १०११६३ सोसिय [शोषित ] आ०चू० १५२२५.पण्हा० ३।६ सोलसविह [षोडशविध] पण्हा०७।१४ सोह [शोभ] नाया०१।१।१८, २४,५६ सोलसिया [षोडशिका] भ०७।१५६ सोह [शुभ ] - सोहइ, आ०चू० १५।२८।१४, सोला [षोडश] भ०२०।३२ । सोह [शोधय् ] -सोहेइ,उवा० १।६२ सोल्ल ] शूल्य] उवा०८।२०,२४ सोहंत शोभमान नाया० १११११८. पण्हा० ४१५ सोल्ल [पक्व] विवा० १।२।२४,२६,२६,४१ ; १।३।२१; सोहग्ग [सौभाग्य] भ० ६।१७१, २०६. नाया० १।४।१६,१७३१७; ११८।१२,१६,२० १।१६।१६३.पण्हा० १०।१५ सोल्ल'[पच्] -सोल्लेंति, विवा०१।३।२१ सोहण [शोभन] आ० चू० १५।२८।१०. सम० प्र० सोल्लिय [पक्व ] भ०११।५६.विवा० १।८।१२ ६६. नाया० ११११८४, ८६,९०, १७०, ११९ १।८।६६ ; १।१४।१८, ३३; १।१५।११; १।१६।५०, १. हे०,४१६० । ३०८ ७८६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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