Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 120
________________ वत्थाण य उप्पत्ती वत्थाण य उप्पत्ती वत्थाणि य में पडिलेहेहि वत्थादिसु सुझे वधुं अरहा पुजा वत्म हत्थमेज्जं खिते त्यस सहावे वत्सु तज्जातदोव वत्थुपरिच्छेयफलं वत्सरूवं नामं वत्सहावं पड़ तं वत्थुस्स देसगमगत्तट्ठा o वत्थुस्स लक्खलक्खण यत्थूओ संक्रमणं वाक्काओ तिविही बाउकायम गओ वाउम्मि वायमाणेसु वाउसुवण्णिंदाणं वाउस्सऽवि दाराई ताई वाएण हीरमाणंमि, वाए पराजिओ सो (स्था.) ११६ वरकणगतवियचंपगविम (नन्दी) ३७ (सूत्र.) २८३ वरपउमकण्णियामंडियाहिं- (दे.प.) ३५ (इसि.) ९।३० वरपउमगब्भगोरा सव्वे (दे. प.) २२४ (विशे.) २९४० वरपडहभेरिझल्लरि- (आ.) १२७ (अनु.) ९४ वरपडहभेरिझल्लरिहि- (आ.नि.) भा. १०४ (विशे.) २२४२ वरवरिआ घोसिज्जइ (आ.नि.) २१९ (स्था.) १५४ वरवरिआ घोसिज्जइ (आ.नि.) भा. ८४ (विशे.) १९४२ चरवरिया घोसिज्जति (ज्ञाता.) ११ वाए पराजिओ सो (वि.) ६१ वरवारुणी व रसो (उत्त.) १२७७ बाओदएण राई णासइ वरसुरहिमानसयणम्मि (आ.नि.) १०८९ वाओ वुद्धं च सीउण्हं, वलय पव्वया कुहणा, (उत्त.) १४५० वाघाइयमाएसो अवरद्धो वलयामुहसामाणो दुप्पारो (महा.) ५८ (विशे.) २१८५ ववएसाभावम्मिवि (विशे.) २८८७ (अनु.) १३९ (इसि.) २७१८ (आ.नि.) ७५८ (ओघ.) भा. १६१ (ओघ.) भा. १५९ (विशे.) ४९५ (विशे.) ३१५ (विशो.) ६३ वाघाए अण्णं मग्गिऊन वाघाएण नियत्तो दिस्स वाघाए तइओ सिं दि वाघाते तइओ सिं दिज्जइ ववगयकुसले संछिण्णसोते ववगयजरमरणभये ववगयमोहा समणा ववहरणं ववहरए (विशे.) २२३३ ववहरमाणस्स तर्हि (इसि.) ४।२३ ववहारमयं जायं न (उत्त.) १३७० ववहाराओं मरणे (उत्त.) १३७१ ववहारे नौइ जुद्धे अ, (आ.नि.) भा.२०३ यवहारोऽविद्दु बलवं (जंबू.) ६३ वसभे अ इंदकेऊ (भ.प.) ११२ वसमे य इंदकेक (विशे.) १४६० वसहिफलं धम्मकहा बसहीए वोच्छेओ अभिवसही समणुण्णेसुं वसिऊन देवलोए निच्चु वसिऊण वसहिमझे (म.प.) ८५ वसिऊण विचित्तेस अ (विशे.) ३५२६ वसिऊणऽवि जणमज्झे (द.वै.) ४ (पि.नि.) ४१६ वसिऊण सुरनरीसरचामीयर वसिगं दरी वसियं (विशे.) १५१३ वसिऊण विमाणेसु य (दश.) २९० (दश.) २८९ २८९ (दश.) २९१ वयणविभत्ती पुण सत्तमम्मि (दश) वयणामएण भुवणं निव्वा - वयणेणायरियाई वयमिकगसंजोगान हंति वय समणधम्म संजम वयसमाहारणयाए णं वयसा हाणीह जरा वरं मे अप्पा दंतो, वरकणगतविअगोरा वसुभूई धणमिते धम्मिल २३ 'वसुहरगुणहर जयहर (च.प.) २० | वाइभूयसमुदय० (विशो.) १४०४ वसुहागा चक्क सरूव (आ.नि.) प्र. २१ वसे गुरुकुले निच्च, (ओघ.) भा. २ वहणं तसथावराण होइ (उत्त.) १०७९ वहणे वहमाणस्स कंतारं (विशे.) ३१७९ वाइंगणि सल्ला थुण्डई (उत्त.) १६ वाइया संगहिया चेव, (आ.नि.) ३७७ वाउकुमारिदाणं वेलंबपण वत्थूओ संकमणं होइ वत्सू संक्रमण होइ थे अप्पाणम्मिय चहा वत्थे काउम्म वधुमविसेसाओ वदतु जणे जं से इच्छियं वनओ गंधओ चेव, रसओ वत्रओ परिणया जे उ. वनरसगंधसंठाणफासद्वाण वप्पे सुवप्पे महावप्ये वम्महसरसयदि गिटी वम्मा य अवम्माविय वयं च विसि लब्धामो वयतयधूलत्तणेहिं तं वयकंकायक वयछक्कं वयक कायक अकप्पो वयछक्क कायछक्कं बारसगं वयणं व वुच्चए वा वयणं विण्णाणफलं वयणविभत्तिअकुसलो वयणविभत्तीकुसलस्स वयणविभत्तीकुसले " व (सम.) १६ (दश) २६८ १०३ वासइ तो किं विग्घं (पि.नि.) ३८ (उत्त.) २८० (ओघ.) भा. २०९ (दे. प.) ५० ( आचा.) १६४ (उत्त.) २३७ (विशे.) २५०६ (आ.नि.) भा. १४० (द.नि.) ९८ (द.वै.) ३२८ (आचा.) २६६ (ओम.) १८४ (पि.नि.) ४७८ (आ.नि.) १३७० (ओष.) ६४१ (प्रज्ञा.) १ (आ. ३५६ (विशे.) २२१२ (उ.नि.) ४३२ वाणारसीइ बहिया, (विशे.) ४१५ वाणारसी य कोट्टे पासे (विशे.) ३०२२ वाणारसी य णयरी (आ.नि.) २०४ वाणियगामायावण आनंदो (आ.नि.) भा. १२३ वाणियगामे चम्पा दुवे (उ.नि.) २६५ वादे पराता सव्वेविय (आ.नि.) था.२०६ वायं विविहं समिच्च (ओघ.) भा. ११४ वायगवरवंसाओ तेवीस(ओघ.) प्र./ १३ वायणपडिसुणणाए (ओप.) १०६ वायणा पुच्छणा चेव, (म.प.) ३८९ वायनिसग्गुढोए जयणा(म.प.) ३७७ वायाइ नमोक्कारो हत्थु - (म.प.) ३९१ वायाईभाऊणं जो जाहे (म.प.) ५५४ वाया न जीवजोगो (म.प.) ३८८ वायाभियोगेण जमावहेज्जा (म.प.) ३९० वायामित्तेणवि जत्थ भट्ट(म.प.) ३९८ वारण सर्णकुमारे नंदीगामे ( आ.नि.) ६४७ वारत्त सुदंसण पुन्नभद्द (जंबू.) २१ वारेयव्वु उवाएण जइ वा (विशे.) १६५० वालुय पंथे तेणा माउल(विशे.) २११८ वालुयाकवले चेव, (उत्त) ३२२ वालेराई दाली खंडो (द.वै.) ४६४ वायति या निवाओ (उत्त.) १०२७ वावि त्ति दारमहुणा (प्रज्ञा.) २१ वासं कोडीसहिये आयामं (उत्त.) १०३९ वास व न ओरमई पंथा (दे. प.) २४ वासइ तो किं विग्घं वाडेसु य रत्थासु य वाणारसिनयरीए दो (उत्त.) १०९७ (उ.नि.) ४६५ (उत्त.) ९३२ (आ.नि.) १३०७ (आ.नि.) १३११ (आ.नि.)४९५ (उपा.) २ (सू.नि.) १९९ (उत्त.) ४९० (प्रज्ञा) ३ (आ.नि.)६८९ (उत्त.) १११३ (आ.नि.) १५१२ (आ.नि.) ११२७ (आ.नि.) १४६८ (विशे.) ३५७ (सूत्र) ७०१ (ग.प.) ७१ (आ.नि.) ५१९ (अन्त.) ७ (दश) ६९ (आ.नि.)५०७ (उत्त. ) ६१९ (द.नि.) १४ (विशे.) २०२० (दश.) भा. ५१ ( आचा.) २७२ (च.नि.) ७२ (दश.) १०२

Loading...

Page Navigation
1 ... 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258