Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Prakrit Vidya Mandal Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 56
________________ सत्तमे सहालपुत्ते अन्झयणे हि बविण्णवणाहि य निगमस्थाओ पावयणाओ चालित्तए खोभित्तए वा विपरिणामिसप वा, ताहे सैन्ते तन्ते परिवे पोलालपुराओ नयराओ पडिणिक्ख इ. २ त्ता बहिया अपवयविहारं विहरइ ॥२२२॥ तप णं तस्स सदालपुत्तुस्स समणोवासयस्स बहू हिं मील जाव भावेमाणसे चोइस संवच्छरा वीइकन्ता । अण्णरसमस्त संवच्छरस्स अन्तरा वट्टमाषरस पुष्वरत्ताभरतकाले जाव पोसहसालाए समणस्स भगवओ महावीरस्स अन्तिय धम्मपण्णति उवसंपजिजत्ताण विहरइ ।।२२३॥ तए ण तस्स सहालपुत्तस्स समणोवासयस्त पुव्वरत्तावरचकाले एगे देवे अन्तियं पाउब्भवित्था ॥२२५।। तए ण से देवे एगं महं नीलप्पले जाव असिं गहाय सदालपुतं समणोवासयं एवं क्यासी-जहा..धुलणीपियरस तहेव देवो उवसग्गू करेइ । नवरं-पक्केके पुत्ते नव मंसोल्लए करेह । जाव कणीयसं घाएइ,२ त्ता जाव आयोचा ॥२२५॥ तए णं से सद्दालयुत्ते समणोवासर अभीए जीव विहरह ॥२२॥ तए णं से देवे सहालपुत्ते समणोवासयं अभीयं जाव पासित्ता चउत्थं पि सदालपुत्तं समणोवासयं एवं वयासी "हं भो ! सद्दालपुत्ता! समणोवासया! अपत्थियपत्थिया! नाव व भञ्जसि, तओ ते जाइमा अगिमित्ता भारियों धम्मसहाइया धम्मबिइन्जियों धम्माणुरागरत्तो'समंसुहदुखसहाइया, तं ते साओ गिहाओ नीणेमि, २ त्ता तव अम्मी पापमि, २ तानब मसलोल्लए करेमि, २ आदा. णभरियसि कडाइयंसि अहमि, २ चा तब गाय मंसेणब सोणिपणे च ओपबामि, जहाणं तुम अदुह जाब ववरोपिजसि WRRIGAR Rાન્યાવચ્ચે Ani20141101 CAba M Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74