Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 03 Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailashsagarsur Gyanmandir
॥श्रीभगवती सूत्रं ॥
भाग-३ नमो सुयदेवयाए भगवईए । 'कुंजर १ संजय २ सेलेसि ३ किरिय ४ ईसाण ५ पुढवि६-७ दग ८-९ वाऊ १०-११।एगिदिय १२ ॥ नाग १३ सुवन १४ विजु १५ वायु १६ ऽग्गि १७ सर से ॥७७॥ रायगिहे जाव एवं क्यासी उदायी णं भंते! हस्थिराया कओहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता उदायिहत्थिरायत्ताए उववने?, गोयना असुरकुमारेहितो देवेहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता उदायिहत्थिरायत्तए उववन्ने, उदायी णं भंते! हत्थिराया कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति कहिं उववजिहिति?, गोयमा! इभीसे गं रयणपभाए पुढवीए । उक्कोससागरोवमद्वितीयंसि निरयावासंसि नेइयत्ताए उववजिहिति, से गं भंते! तओहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं ग० कहिं 30? गोयमा! महाविदेहे वासे सिझिहिति जाव अंतं काहिति, भूयाणंदे णं भंते! हस्थिराया कओहिंतो अणंतरं उव्वट्टित्ता भूयाणंदहस्थिरायनाए एवं जहेव उदायी जाव अंतं काहिति । ५९१। पुरिसे णं भंते! ता( प्र० )लभारुहइ त्ता तालाओ तालफलं पचालेमाणे वा पवाडेमाणे वा कतिकिरिए?, गोयमा! जावं चणं से पुरिसे ता( प्र०)लमारुहइत्ता तालाओ तालफलं पयालेइ वा पवाडेइ वा तावं च णं से पुरिसे ॥श्रीभगवती सूत्रं ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal
Loading... Page Navigation 1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 212