Book Title: Adhyatma Yog Sadhna
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan
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परलोक भय 359
पूर्णयोग 49 परलोकाशंसा प्रयोग 125
पूर्वजाति ज्ञान (विभूति) 95 परविवाहकरण 116
पूर्वधर लब्धि 98 परव्यपदेश 125
पूर्वसेवा 64. परादृष्टि 71,76
पृच्छना 265,286 परावलम्बन ध्यान 277, 288
पृच्छनी भाषा 149 परिष्ठापनिकासमिति 154, 158, 160 पृथक्त्व वितर्क सविचार (शुक्लध्यान) 300, परिष्ठापनिका समिति के पालन के चार 302, 309 प्रकार 161
पृष्ठ व्याकरणी भाषा 150 परिमार्जन योग 162
पैकाटोफ्रीबिया 359 परिवर्तना 265, 286
पैंथोफ्रीबिया 359 परिहारविशुद्धि चारित्र 138, 139 प्रोजीरिया 356 परीषह 139, 140, 153, 171, 189-90, पौरुषघ्नी भिक्षा 241 199, 297, 304, 382
पौषध प्रतिमा 142, 144 पर्याय ऊनोदरी 240
पौषधोपवास 123, 127 पर्यंकासन 244, 245, 318, 319, 327 पौषधोपवासव्रत के पाँच अतिचार 124 पापकर्मोपदेश (अतिचार) 121 पंचेन्द्रिय निग्रह 129, 137 पायच्छित्त 259
प्रकीर्णक तप (अनशन तप) 238, 239 पारांचिकाई 260
प्रणव 390 पार्थिवी आदि धारणाएँ 21
प्रणिधान (चित्त शुद्धि) 67 पार्थिवी धारणा 287, 288
प्रतर-तप (अनशन तप) 238 पिंगला नाड़ी 320
प्रतिकूल वेदना (आर्तध्यान) 280 पिंड विशुद्धि 137
प्रतिक्रमण 126, 139, 143, 164, 165, पिण्डस्थ (ध्यान) 21, 290
170, 175 पिपीलिका मार्ग 49
प्रतिक्रमणार्ह 260 पुण्यवती ऋद्धि 96
प्रतिमा (ग्यारह) 126, 127 पुत्रैषणा 107
प्रतिमायोग 141-153, 304 पुद्गल प्रक्षेप 123
प्रतिसंलीनता 134,247-256, 259 पुद्गलावर्त 65
प्रत्याख्यान 126, 143, 164, 165, 173, पुलाक लब्धि 100
174, 175 पुव्वनिवासानुस्सती (अभिज्ञा) 96 प्रत्याहार 13, 19,21,32,38,51,73,95, पूर्ण ध्यान 272
165,247,317,360
* 412 * परिशिष्ट *

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