Book Title: Adhyatma Ke Zarokhe Se
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

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Page 183
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 182 2 – अध्यात्म की उपेक्षा : तनाव का कारण 26 www.kobatirth.org आ गम का कथन है जो झायइ अप्पाणं, परमसमाहि हवे तस्स । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - जो आत्मस्वरूप का, अध्यात्म का ध्यान करता है वह आधि, व्याधि और उपाधि से मुक्त होकर परम समाधि भाव को प्राप्त करता है । आज चारों ओर दृष्टिपात करने पर स्पष्टतः परिलक्षित होता है कि जनमानस आज विविध प्रकार के तनावों से संत्रस्त है। आदमी जी जरूर रहा है, पर जीवन में जिस सुख और शांति का समावेश होना चाहिए, वह नहींवत् है । किसी कवि की पंक्तियाँ बरबस प्रस्तुत लेखन के क्षणों में मेरे मानस के मंच पर उभर आई है . - अध्यात्म के झरोखे से भोर में थकान है शोर में थकान है पोर - पोर में थकान है आदमी की जिंदगी एक जलता हुआ मकान है । प्रश्न उठता है - इस थकान का, इस टूटन का, इस नैराश्य और हताशा का आखिर कारण क्या है ? गहराई में जाने पर स्पष्ट लगता है, आज मानव मन में जो अशांति और उद्वेलन है, उसके मूल में प्रमुख कारण अध्यात्म की उपेक्षा है । अध्यात्म के प्रति बेदरकारी है । अध्यात्म के प्रति अनास्था है । आदमी जब अध्यात्म से For Private And Personal Use Only

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