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आओ संस्कृत सीखें
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तस्यै
तस्याः
| ताभ्याम् - ताभ्याम्
__ तयोः । तयोः
। ताभ्यः । ताभ्यः । तासाम् तासु
तस्याः
तस्याम्
आकारांत (आप् प्रत्ययांत) स्त्रीलिंग अयोध्या = उस नाम की नगरी बाला = कन्या कन्या = पुत्री
मथुरा = नगरी का नाम कला = कला
महिला = स्त्री क्रीडा = खेल
माला = माला गंगा = गंगा नदी
यमुना = नदी का नाम जिह्वा = जीभ
लता = बेल दया = दया
सरला = सरला नाम की लड़की . पाठशाला = पाठशाला
क्षमा = माफी
संस्कृत में अनुवाद करो 1. वीर का भूषण क्षमा है और धर्म का भूषण दया है | 2. मेरी दो कन्याएँ खेलकूद और सभी कलाओं में होशियार हैं । 3. सीता फूलों की अच्छी माला बनाती है । 4. यहाँ गंगा के साथ यमुना मिलती है । 5. मैं माला द्वारा दो देवों को पूजता हूँ । 6. राम अयोध्या के राजा हैं । 7. सर्प को दो जीभ होती हैं । 8. उस पाठशाला में बहुतसी कन्याएँ पढ़ती हैं ।
हिन्दी में अनुवाद करो 1. तव कन्ये अयोध्याया मार्गं पृच्छतः । 2. यमुनाया जलं कृष्णं, गङ्गायाः श्वेतम् । 3. पूज्येभ्य आचार्येभ्यस्ता बाला नमन्ति । 4. मथुरायां शोभने पाठशाले वर्तेते ।