Book Title: Aao Prakrit Sikhe Part 01
Author(s): Vijaykastursuri, Vijayratnasensuri
Publisher: Divya Sandesh Prakashan

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Page 313
________________ ए ए (इ) जाना, पाना ए (आ + इ) आना एस् ( आ + इष्) खोजना, की खोज करना शुद्ध भिक्षा ओ ओंघ् (नि + द्रा) सोना, नींद करना क कंख्-मह् (काड्क्ष्) चाहना कंप् (कम्प) काँपना, हिलना कढ् (क्वथ्) उबालना, तपाना कप्प् (क्लृप्) समर्थ होना, करना, छेदना .कर् (कृ) करना करिस्-कड्ढ्-(कृष्) खींचना, निकालना कह (कथ्) कहना किण् (क्री) खरीदना कल्पना ख खंड् (खण्डय्) तोड़ना, टुकड़ा करना, विच्छेद करना खण् (खन्) खोदना खम् (क्षम्) क्षमा करना, माफी मांगना, कीड्- कील (क्रीड) क्रीड़ा करनी कुज्झ (क्रुध् - क्रुध्य) क्रोध करना कुण् (कृ) करना कुप्प् (कुप्-कुप्य) कोप करना कुव्व् (कृ-कुर्व्) करना, बनाना सहन करना खल् (स्खल्) रोकना, अटकाना, गिरना, भूलना, टपकना खा-खाय् (खाद्) भोजन करना, खाना, जीना खिंस् (खिंस्) बुराई करना, गर्हा करना खिज्ज् (खिद्) अफसोस करना, खेद करना खिव् (क्षिप्) फेंकना खुभ्- खुब्म् (शुभ) क्षोभ पाना, डरना घबराना ग गंठ-गंथ् (ग्रन्थ्) गूँथना, रचना, बनाना किम्म् (क्लम्) खिन्न होना, क्लान्त गच्छ् (गम्) गमन करना, जाना होना गण् (गण्) गिनना, आदर करना गम् (गमय्) ले जाना, गुजारना, पसार करना, व्यतीत करना गरिह् (गर्ह) निंदा करना, घृणा करना गल् (गल्) गलना, सड़ना, समाप्त होना गवेस् ( गवेषय्) गवेषणा करना, खोजना गह (ग्रह) ग्रहण करना, लेना, जानना गा (गै) गाना, आलापना २९०

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