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________________ (१७०) ठराव १० मो. फंडनी व्यवस्थाबाबत. "आ जैन कॉन्फरन्सने लगतां पांचे खातांना फंडोमां जे रकमो भराई छे, तेनी तमाम मुंडी एटले मूळ मुद्दल रकम तथा तेनुं व्याज पांचे खातांना संबंधमां वापरवा, व्यवस्था करवा तथा खर्च करवा, आ कॉन्फरन्सना चारे जनरल सेक्रेटरीओ तथा ट्रेझररो-(शेठ लालभाई दलपतभाई शेठ. फकीरचंद प्रेमचंद, बाबु राय कुमारसींहजी बद्रीदासजी अने मी. गुलाबचंद ढहाने तेमना चारेना एकमती अथवा तेओमांना त्रणना एकमतथी करवा, आ कॉन्फरन्स सत्ता आपे छे. दरखास्त करनार-शेठ कुंवरजी आणंदजी-भावनगर. टेको आपनार-सवेरी नगीनभाई मंछुभाई-मुंबई. मत लेतां ए दरखास्त सर्वानुमते पसार थई हती. आ वखते कॉन्फरन्सनां पांच खातांओ तथा निभाव फंडमां केटलीएक वधु रकमो भराएली शेठ कुंवरजी आणंदर्जाए जाहेर करी हती, जे (पुरवणी क अने ख) मां पहेलां भराएली बीजी रकमो साथे आपवामां आवेली छे. आ क्खते पालीताणावाळा कुमार श्री सामतासिंहजी, पोताना कुंवर श्री विजयसिंहजी साथे मंडपमां पधार्या हता, जे वखते सर्वे सभाजनोए तेमने ताळीओना हर्पनादी वधावी लीधा हता, अने प्रमुख साहेब राय बद्रीदासजी बहादुरे तेमने पोतानी जोड बेठक आपी हती. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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