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________________ पोतानी आगली खानदानी उपर विचार करीने, मळे या न मळे तोपण खरच करवू पडे छे. हवे आ रिवाज जो तद्दन बंध करवामां आवे अने तेनी अंदर जेटला खर्चनो संभव रहेतो होय, तेटला रुपीआ जो दरेक गृहस्थ केळवणी विगेरेनां फंडमां आपे, तो आपणी उन्नतिमां केटलु बधुं वृद्धिरुप थई पडे ? अने तेओ पण महा पापी कार्यथी दूर थाय. पोताना विचारने मजबूत रीते वळगी रहेनाराओने जो आ खोटा रिवाजरुपी ताळाने कुंची देवा भलामण करीए, तो तेओना तरफथी एवो जवाब खचीत मळशे, के घणा वखतथी चाल्यो आवतो रिवाज हवे बंध करवो ? ए रिवाजो जेओना तरफथी प्रवर्त थया छे, तेओ शुं अक्कलमंद नहीं हता ? तेओ शुं गांडाघेला हता? तमे बधा सुधरेल थया अने इंग्रेजी भण्या ऐटले डाह्या, अने अमे बधा गांडा ? आवी रीते जवाबो मळे छे. रडवा कूटवाना पोईन्ट उपर ताजाकलम तरीके मारे आ जग्याए कहे जोईए के, जेओ खानदान कुटुंबनी स्त्रीओ होय तेओ ज्यारे बजारनी वचे रडे अने कुटे, त्यारे तेना कुटुंबना गृहस्थपणाने केटलुं मोटुं लांछन अने केटलो बधो बट्टो लागे! बोलवा हजु घणुं छे, विषयनां पोईन्टो पण घणां रही जाय छ, परंतु मने टाईम बहुज थोडो आपवामां आवेलो होवाने लीधे लाचार कुं. आपणे सधळाए एवा विचारपर आवq जोईए के, आजे छेलो दिवस छे जेथी कॉन्फरन्स समाप्त थाय छे, तेनी साथे आ खोटा रिवाजोने पण समाप्तिपर लाववा, अने हुँ पण मारुं भाषण हवे समाप्त करी वेसी जवानी आपनी पासे रजा लउं छं." ___बाद प्रमुख साहेबे मत लेतां उपलो ठराव ताळीओना अवाजो बच्चे सर्वानुमते पसार थएलो जाहेर करवामां आव्यो हतो. .. n Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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