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________________ (१३४) भंडारो ज्यां ज्यां छे तेनी जो टीप थाय, तो आपणा ते ग्रंथो कया विषयना छे, केटला श्लोकना पुरना छे, तेना मूळ रचनार कोण छ, तेना उपर कोणे कोणे टीका करी छे, अने आवा ग्रंथोनी वध संख्या होय, तो ते ग्रंथ क्या क्यां छे ते पण आवी नोंधपोथीमां लखा, जोईए छे. वळी नवा जमानानी रीतभात जोई आपणे ठेर ठेर सभाओ अने मंडळो स्थापएि छीए, अने तेथी आवी सभाओ अने मंडळो क्या क्यां छे, तेना प्रेसीडन्टो कोण छे, तेना सेक्रेटरीओ कोण छे. तेमां केटला मेम्बरो छे, तेमां मेम्बरोना केटला वर्ग छे, दरेक वर्गवाळानी शी फी छे, अने आवा मंडळोना शा हेतु छे, ते बधु जाणवानी खास जरूर छे; अने तेथी आवी सभा अने मंडळोना हेवालनो पण आ पोथीमा समावेश थवानी जरूर छे. वळी आपणां ठेर ठेर धर्मादाखातां छे, आ खातांओना वहीवटदार कोण छे, आ खातांओना ताबामां कयां कयां फंडो छे, दरेक फंडनी मुंडी शुं छे, अने तेनी शी व्यवस्था थाय छे, ते हकीकत जाणवानी दरेक जैन बच्चानी फरज छे; अने तेथी आ जैनवहीमां आ बाबतनो पण समावेश थवानी जरुर छे. केटलाक एम पुछशे के आ केम थई शके ? पण ते करवामां जेम महेनत छे तेम थोडं खर्च पण छे. प्रथम तो आवी हकीकत मेळववा माटे ठामेठाम कागळो छपावी मोकलवा, अने तेमां आ तमाम बाबत संबंधी खुलासा मागवा; जेना जवाब आवी रह्या पछी आ तैयार करवा माटे एक अगर बे गृहस्थने अमुक पारितोषिक ठरावी काम सोपवू. आवं काम कमीटीने सोपवाथी कदी पार आववानो नथी. जे गृहस्थ के गहस्थोने आ काम सोंपवामां आवे तेनी साथे मुदत ठराववी, अने आम थवाथी आ कार्य पार पडशे. आ पोथीमां दरेकेदरेक गाममां वसता जैनोनां नाम लखवानी जरुर नथी, पण ते गाममां केटला जैन पुरुषो, स्त्रीओ, छोकराओ अने छोकरीओ छे?, तेमां केटला भणेला, भणता अने अभण, ते संख्याज आववी जोईए. तेमज मुख्य मुख्य आगेवान गृहस्थोनां तेमना धंधावार नामो तेमां दाखल करवा. आम थवाथी आपणी आ पोथी मोटी नहीं थाय, अने ते थोडा खर्चमां तैयार थशे. सिवाय जो ते दरवर्षे रु.१ के बेनी किम्मतमां बहार पाडवामां आवे, अने दरेक गामदीठ गामना प्रमाणमां तेनी प्रतो खरीदवामां आवे, तो आ नोंधपोथीनुं तमाम खर्च वसुल थवानो संभव छे. वळी केटलाक एम पण पूछशे के, आवी पोथीनो उपयोग शो ?, तो तेनो जवाब ए छे के आपणने आपणा जातभाईओनी तेथी खबर मळेछे; तेमां तेओनी स्थिति जाणवाथी आपणने कांई मदद करवानु मन थायछे, अने वळी विवाह आदिनी शोध माटे पुरतुं साधन मळेछे. टुंकामां आ पोथीनी किंमत एक खबर मळनाथी वळी जायछे. आवी डीरेकटरी तैयार करवा माटे अगाऊ मर्हम वीररत्न शेठ तलकचंद माणेकचंद जे. पी. तरफथी प्रयास थयो हतो. तेमणे केटलीक हकीकत एकठी करी हती, पण कमनसीबे एसोसिएशननी दुर्दशा थई, तेमज तेनो आत्मा गयो एटले काम एमने एम रह्यं. वळी हमणांज मारा मुरब्बी स्नेही श्री मोहनलाल मगनभाईए आ संबंधमां करेलो प्रयास मने बतान्यो छे, अने ते जोई मने एम लागे छे के, तेमनी महेनत जो डीरेक्टरी करवान ठरे तो कॉन्फरन्सने उपयोगी थई पडशे. आवी डीरेक्टरीनी जोके आपणी कोममा खोट छे, पण तळ मुंबईमाथी दर वर्षे पारसीओना संबंधमां झोरोस्टीयन केलेन्डर नीकळे छे. आ प्रयास जोके मि. जागोश नामना एक पारसी गृहस्थ करेछे, पण ते फतेहमंदीथी पार पड्योछे, अने एक रुपियानी किंमतमां दरेक पारसी गृहस्थ ते खरीदवा शक्तिवान Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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