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________________ (१२९) छे. तेथी शरीरने नुकशान थाय छे, मनने खेद थाय छे, घणा नाना जीवोनो नाश थाय छे,. माटे धर्म उपर श्रद्धा राखी, आपणा धर्मनो रहस्य समजी श्रावकोए रडाकूट करवी जोईए नहि. जीर्णजैनमंदिरोद्धार करवो, ए दरेक श्रावकनी फरज छे. ए बावतमां बे मत थशे नहि, कारणके आपणा धर्म प्रमाणे नवा मंदिर करतां जीर्णउद्धार करवामां विशेष पुन्य छे. आपणा जैनमा केटलाक देरामां लाखो रुपीआ उछळे छे, तोपण केटलांक तो जीणस्थितिमां पडयां होय छे, ए खरेखर बेहद शोकजनक ने खेदकारक छे. जो के मंदिरो जुदां छे, पण वीतराग तो एकज छे, तो पछी एक देरानो पैसौ बीजा देरानो जीर्णोद्धार करवामां शा माटे वपरावो न जोईए, ते कई समजी शकातुं नथी. ते बाबतनो दोष देराना वहीवट करनार उपर मूकीए तो खोटुं नथी, माटे देराना उपरीओए जीर्णोद्धारमा पैसा आपवा तत्पर रहे, जोईए, अने ते बाततमां तेओए भोयणीजीनुं अनुकरण करवू जोईए. खरी दया ते शुं? "अहिंसा परमो धर्मः" ए आपणा धर्मनुं पवित्र अने महावाक्य छे. जैन धर्मने जीवदया धर्म एवं बीजुं नाम आपीए, तोपण चाली शके, माटे जीवदया पाळवी पळाववी ए खास जैनोनो धर्म छे. हालना वखतमां श्रावको घेटां, बकरी छोडाववामां लाखो रुपीआनो खरच करे छे ते घणुं प्रशंसनीय छे. आथी घणा फायदा छे, पण जीवदयाना काममां एक विघ्न आवे छे, ते ए के भरवाडो, कसाईओ, मोढे माग्या पैसा लेवाथी तेओने व्यापारमा मुडी थाय छे, अने बीजा जीवो खरीद करे छे; माटे सारो उपाय ए छे के आ बाबतमा हु आगळ कही गयो ते प्रमाणे, जैनवेशधारी साधुने तथा जैन स्कॉलरोने सारो पगार आपी, उपदेशको नीमी शहेरो अने देशेदेशमां ते विषे बोध आपवो, जेथी अन्य दर्शनीय लोको जीवहिंसा करतां अटके. आ बाबतमां मारे जणावq जोईए के, जामनगरना महाराजा जाम श्री जसाजी साहेब बहादुरे गादो उपर आवतांज धर्म प्रत्ये घणी सारी लागणी धरावी छे, अने एवो सरक्यलर काढ्यो छे के श्रावण मासमां, अने पजुसण पर्वमां, अने दरेक मासनी ११ अने अमासे एकला जामनगर शहेरमां नहि पण आखा जामनगर स्टेटमां पशुवध करवो नहीं अने घेटां वा बकरांने पानचरा थाय त्यांसुधी भरवाडे पाळवां, अने तेम न करे तो तेमने फोजदारी गुन्हा प्रमाणे तेओपर काम चलावी शिक्षा आपत्री; अने जामनगरनी हदमांथी कोईने गाय वेचाती आपवी नहि. माटे मारी नम्र अरज छे के जामसाहेबे जैन लोकोने घणी मदद करी छे. माटे आ हालनी जैन कॉन्फरन्से जामसाहेब उपर एक मानपत्र मोकलवू, अने जेमां तमे बधा गृहस्थो संमत थशो एवी आशा राखं छु. वळी आपणे भूली जq न जोईए के गोंडळ ठाकोरे पोताना राज्यमां पशुवध अटकावी आपणने आभारी कर्या छे, तेने पण मानपत्र आपq जोईए, एवी मारी खास भलामण छे. मास ऊपरना कहेबानो टुंक सार ए छे जे १. जैन धर्मनी अने जैनोनी उन्नति करवा माटे प्रथम साबुओनी ऐक्यता थवी जोईए अने तेओने माटे कॉन्फरन्स भराववी जोईए. २. दरेक गच्छमां एक वा बे पन्यासजी नीमवा जोईए ने तेओने सर्टीफीकेट मळवू जोईए. ३. साधुओनां पुस्तको संघनी पासे रहेवां जोईएअथवा तेने माटे लायब्रेरीओ थवी जोईए. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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