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________________ (१२१) मांथी आ रकम एकठी करी तेनी व्यवस्था सारी रीते थाय, ते माटे कायदासर नीमाएला संभावित गृहस्थोनी (डायरेक्टरोनी) एक बोर्ड स्थापी तेने मुंप्रत करवी, अने ते एकठी थएली रकम एक बे सरकारी बेन्कोमा जमे कराववी; अने जे जे विषय सारी रीते पार पडे, तेम तेम तेनी पाछळ रकमो ज्यां ज्यां जैनोनां मोटां स्थळो होय अने मोटो भाग तेनो लाभ लेई शकतो होय, त्यां त्यां आ खातांओ ऊघाडवाथी तेओ जरुर फतेह पामशे. शरूआतमा काम सराडे चढे तेने माटे महेनत अने थोडा पैसा खर्चवा पडशे, पण ते अगाडी जतां घणुं सुलभ थई पडशे, अने आवकना प्रमाणमा खर्च काई भारे पडवानुं नथी. छेल्ला वस्तीपत्रकना रीपोर्ट ऊपरथी एम मालुम पडे छे के, श्वेतांबर जैनो आशरे ८ लाख छ, अने तेमांथी छोकराओ बाद करतां जो दरेक जण दर वर्षे एक रुपीओ आपे, तो आ फंडमां जरुर दर वर्षे रुपीआ चार लाख थाय; अर्थात् कहेवान के दरेक माणसने दररोज अडधी पाई ऊपर जरा धर्म करवानुं पुन्य थाय, अने 'पंचकी लडकी ओर एकका बोज' ए कहेवत खरी पडे, अने अडधी पाईरुपी शणना रेसाओथी बनेलं दोरडु एक मोटा फंडरुप थाय, अने तेथी नि शंकपणे कोईने पण ताण कर्या वगर, कोईने पण नाराज कर्या वगर, कोईना पण तुच्छकार वगर, कोईने पण मननी मोटाईनी इर्षा पेदा कराव्या वगर, आ कॉन्फरन्से धारेला कामो पार पडे तेम छे अने आशा छे, के निरांते विचारी तेनो लाभ लेवा अने आपवा माटे एक अवाजे अने एकमते आ विचार पार पडे तेवो ठराव कराववा तत्पर थशो. धारेला आ विषयो पार पडवा एकाद मोटा फंड वगर घणुं मुस्केल छे ते जाणी निराश थवं नहीं जोईए. कारणके अडधी पाईना पुन्यथी मोटुं फंड थाय छे. आ प्रयास बरोबर २५ ) वर्ष चालु रहे, तो हमेशने माटे आ ठरावनां कामो बरोबर संगीन रीते पार पडे. पश्चिमना देशोमां धर्मनां कार्यो मात्र एक शीलींगना उघराणाथी शरु करे छे, ने तेमां लाखो रुपीआ आवी पडे छे. वळी हालना वखतमा मेहोमेडन कोमे केळवणी माटे एक रुपीआना उघराणानुं फंड शरु करी, लाखो रुपीआ उपजाव्या छे. आ वात अशक्य छ एम समजी, धनाढ्य, मध्यम अने कनिष्ट वर्गना लोको वगर विचार्ये आ विचार धिक्कारी काढशे नहीं, एवी मारी पूर्ण खात्री छे. जो आ ठराव हमेशने माटे अमलमां आवे, तोज आपणी आ महासभानी खरी फतेह अने जीत हमेशने माटे समजबी. आ अल्प पुन्यरुपी फंड थशे, तोज तमारो खरो पायो रोपायो समजजो. गृहस्थो! “Example is better than precept " 'कहेवा करतां करवं भलं,' ए इंग्रेजीमा एक कहेवत छे ते सघळा लोकोए सांभळी हशे. ए कहेवत प्रमाणे आपणे दरेक जणे पोताना घरनी कॉन्फरन्स करी, आ जे ठरावो सर्वानुमते कबुल करो छो तेमने पार पाडवा, खरा तन, मन अने धनथी यथाशक्तिए प्रयत्न करता जq जोईए; केमके नेपोलियन राजाना कहेवा प्रमाणे "अशक्य छे' एवा बोल मात्र कायरोना कोशमां मळे छे. ___ गया वर्षे फलोदीमां कॉन्फरन्स मळी हती, अने आजे मुंबईमां बीजी वखत मळी छे, तेने आज एक वर्ष वीती गयु, ते दरमीयानमा आखा भरतखंडना जैन शहेरोमांथी इलाकावार आ ठरावोमां आवी जतां कयां कयां कामो आरंभ्यां अने केटली स्थितिए अमलमां आव्यां, तेनो रीपोर्ट वहार पाडवानी खास जरुर छे; केमके एक रुपीआनी १६०० बदामो थाय, अने तेमांथी एक बदाम जेटलं पण काम अमलमां मूकायु होय, तो एम मानी शकाय के १६०० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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