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________________ ( ९२ ) शेठ प्रेमचंद रायचंदे आपलं अनुमोदन तथा ते ओए निराश्रित फंडमां आपली रुपिया पांच हजारनी मदद• शेठ प्रेमचंद रायचंदे केटलाक असरकारक शब्दोमां ए दरखास्तने अनुमोदन आपत, निराश्रितोने मदद माटे रु. ५००० नी रकम आपवा पोते खुशी बतावी हती. अत्रे प्रमुख राय बद्रीदासजी बहादुरे सभामा जाहेर कर्य हतुं, के मुंबईना जाणीता जैन आगेवान गृहस्थ मी. प्रेमचंद्र रायचंदे निराश्रित फंडमां रुपिया पांच हजारनी रकम भेट आपवा जणाव्युं छे, जे आ कॉन्फरन्स उपकार साथै स्क्किारे छे. ( ताळीओ तथा हर्षनाद ). छेवटे निराश्रित जैनोने आश्रय आपवानी दरखास्त मतलेतां सर्वानुमते पसार थयेली प्रमुखे जाहेर करी हती. अत्रे मी. गुलाबचंद ढड्ढाए जणान्युं के "निराश्रितने आश्रय आपवानो सवाल एवो है, के मारुं गळु सारी हालतमां नथी छतां मारे कांईक ते विषे कहेतुं जोईए. जे बच्चांओनां मातापिता मरण पाम्यां होय छे, तेओ केवी दुःखी हालतमां होय छे तेनो विचार करी, प्रसिद्ध शेट प्रेमचंद रायचंदे (ताळीओ) पोतानी तरफधी पांच हजार रुपिया आप्या छे. तेमनी उदारता प्रशंसनीय अने अनुकरणीय छे. बनी शके त्यांसुधी आपणा भाईओए यथाशक्ति मदद आपत्री, एज मारी प्रार्थना छे. " Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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