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________________ ( १२ ) प्रमुखनी चुंटणी. दरखास्त करनार - शेठ रतनचंद खीमचंद मोतीचंद - मुंबई. टेको आपनार— नगरशेठ चीपनलाल लालभाई - अमदाबाद. अनुमोदन करनारा - शेठ जेठाभाई नरशी केशवजी - मुंबई. लाला गोपीचंदजी - अंबाला. मी. गुलाबचंदजी ढट्टा - जेपुर. दरखास्त –आ बीजी जैन कॉन्फरन्सना प्रमुख तरीके कलकचावाळा राय बहादुर बद्रीदासजी कालीकादासजीने नीमवा. आवकार आपनारूं भाषण वंचाई रह्या बाद, मुंबईना संवपति शेठ रतनचंद खीमचंद्र मोतीचंदे प्रेसीडेन्टनी चुंटणी करवानी दरखास्त करतां कहयुंके,— 46 भारतवर्षना संवो तरफथी पधारेला गृहस्थो, प्रेक्षक सभ्यजनो अने भगिनीओ— आ जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स, एटले आपणा जैन बंधुओनो समाज अथवा जो पवित्र नामथी ओळखावीए तो भारतवर्षना जैन बंधुओनो संघ, के जेनी स्तुति मोटा मोटा विद्वानो अन महात्माओए स्तोत्रो द्वाराए करेली छे, वळी जेनी सेवा करवाथी आपणे आपणा काममां साफल्य मेळवी शकीये छीए, अने जेने सर्वे वंदेछे, एवा आ आर्यावर्त्तना पवित्र श्वेतांबर जैन संघमां आजे मने वे शब्दो बोलवानो मांगळीक प्रसंग मळ्यो छे, तेने हुं मारा भाग्यो उदय समजुछु. संघना दर्शन मात्रधीज आनंद थाय छे तो पछी आवा संघनी सेवा करवा जने तक मळे तेने खरेखरो पुन्यशाळी समजवानो छे, तो आपणने मुंबईना वासीओने मळेला प्रसंगथी मारो आनंद उभराय एमां शुं आश्चर्य ! धाय ए तो स्पष्ट छे के जे काम एकसंपथी थाय छे तेनुं आयुष्य दीर्घ होय छे, जे छे ते घणुंज मजबूत अने डहापण भरेलुं थायछे अने तेमां आ संघ एकसंपनी मुर्ति छे एम कहीशुं तो ते जरा पण खोटुं नथी. आपणे सर्वे जैन धर्मनी उन्नति करवाने अत्रे मळेला छीये. हवे “इतं सैन्यम् नायक” एटले नायक विनानुं लश्कर नाश पामेछे, तेम आपणे कार्य करवाने एकठा थया छीये तो आपणे कोई सारा प्रौढ विचारना, बाहोश, होशियार, साहसिक, धार्मिक, बुद्धिवान प्रमुखनी जरुर छे; तेवी धर्म अने न्यायमुर्तिने पसंद करी आपणी जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्सना प्रमुख नीमवाने मने स्वागत सभा तरफथी सोंपवामां आव्युं छे, त्यारे आ आपfी बीजी जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्सना प्रमुखनी पदवी कोने आपवी ए सवाल जोवानो छे. जेणे शिखरजी तीर्थना काममां त्यां चरबीनुं कारखानुं यतुं हतुं ते अटकाववा अने बीजा वखतोए पण पोताथी बनती मदद करी यश मेळव्यो हतो, वळी जेणे भगवान् श्री पार्श्वनाथजी स्वामीनुं देवालय शिखरजी उपर बंधाव्युं छे, वळी जे हाल ग्वालियरमां पण तेवांज कार्योमां तन, मन अने धनथी खास मदद करेछे, वळी जेणे कलकत्तामां सारुं जैन देवालय Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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