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________________ आमंत्रण पत्रिका वंचाई रह्या पछी आवकार देनारी कमीटीना प्रमुख शेठ वरिचंद दीपचंद सी. आई. ई. ए पुष्कळ ताळीओना हर्षनाद बच्चे उभा थइने पोतानुं नीचे प्रमाणेआवकार देनाएं भाषण वांची संभळाव्युं हतुं. शेठ. वीरचंद दीपचंद सी. आई. ई.नु भाषण. मिय स्वधर्मी बंधुओ, बहेनो अने सद्गृहस्थो, आजे आ सभा मंडपमा समग्र हिंदुस्ताननी जैन कोमना प्रतिनिधीओने हर्ष भर्यो आवकार आपवानुं काम मुंबईना श्री सकळ संघ तरफथी नीमाएली रीसेप्शन कमीटीना प्रमख तरीके मने सोंपवामां आव्युं छे, तेने माटे हुं मकळ संघनो आ प्रसंगे मोटो उपकार मानुछु. आ महान् कार्य माटे मारा करतां बीजा कोई योग्य नररत्नने लाभ आप्यो होत तो ते वधारे आनंददायक थात छतां; ज्यारे आई मोटुं मान मनेज आपवामां आव्युं छे त्यारे हुं मने मोटो भाग्यशाळी मानुछु आ मेळावडामां मुंबईना श्री संघनी आमंत्रण पत्रिकाने मान आपी दक्षिण, बंगाळ, पंजाब, मारवाड, कच्छ, गुजरात, काठीआवाड आदि विविध स्थळोमांथी आपे प्रतिनिधी तरीके अत्रे पधारवानी तस्दी लीधी छे, तेने माटे आप साहेबोने अत्रेना संघ तरफथी खरा अंतःकरणपूर्वक दीलोजानी भर्यो आवकार आपुं छं. ____बंधुओ, आवा मेळावडा आगळ एक जुदीज पद्धति उपर आपणा जैन तीर्थोमां थता हता अने तेओ संघने नामे ओळखाता हता; ते जमानानां साधनो अने आजनां साधनो जुदा प्रकारनां छे. आजे रेलवे वीगेरेथी बहु सुगमता थई पडी छे अने सुधरेली ढब उपर सभाओ भरवामां साधनो अने रीतरिवाजो आजे उभा थया छे. तेनो लाभ लेवानो आजे जे शुभ प्रसंग मळयो छे ते खरेखर आनंद थवा जेवो छे. जे तीर्थ उपर जात्रा रुपे संघ एकठो थाय छे ते अमुक देशनो अथवा वर्गनो होय छे, पण बंधुओ, जेम एक मोटा दुधना जथामांथी सार रुपे माखण-धी काढवामां आवे छे, ते मुजब आखा हिंदुस्ताननी आपणी जैन वस्तीमांथी जुदां जुदां शेहेरो अने गामोमांथी आप सर्वे चुंटाईने आव्या छो, तो खरं जोतां अहीं बिराजला संख्याबंध प्रतिनिधीओ, जैनोनी पंदर लाख माणसनी वस्तीना प्रतिनिधी तरीके छो. सीत्तेर वर्षनी उमरनो तरुन हूं वद्ध थयो छं तेवे समये आटला मोटा समुदायनो सत्कार करवाने जे अमुल्य लाभ मळ्यो छे ते एवो छे के, तेने मारी आखी जींदगीमां एक मोटामां मोटं मान मळेलुं हुं समजुं छ. राज्य दरबारमां मोटो सत्कार मळे, इलकाबो अने चांदो मळे, सारुं धन अने वैभव मळे, ए आजना समयमा एक मोटो लाभ अने आनंदनो विषय समजवामां आवे छे ; ज्यारे आ पचरंगी पाघडी, फेंटा, कच्छी, पंजाबी, मारवाडी, दक्षणी, अने गुजराती पहेरीने बिराजेला, एक धर्म पाळनारा, आटला मोटा समुदायने आवकार आपकानी साथे तेनो तोल करवामां आवे छे त्यारे आ आनंद कोई दैविकज नजरे आवे छे अने हजार Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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