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________________ महाराजा मानसिंहजी इनके कई पुत्र हुए थे । परन्तु उन सबका देहान्त इनके सामने ही हो गया । इसीसे इन्होंने स्वर्गवास के कुछ दिन पूर्व ब्रिटिश-पोलिटिकल एजैंट से अहमदनगर के तखतसिंहजी को अपने गोद बिठाने की इच्छा प्रकट की थी, और इनके स्वर्गवास के बाद जब कप्तान लडलो ने इनकी रानियों और राज्य के सरदारों आदि की सम्मति ली, तब उन्होंने भी राजकुमार जसवन्तसिंहजी सहित तखतसिंहजी को अदमदनगर से बुल.. वाकर गद्दी बिठाने की राय दी । इसी से महाराजा तखतसिंहजी अहमदनगर से आकर जोधपुर की गद्दी पर बैठे । सैय्यदों को; ५४ सेढाऊ ( नागोर परगने का ) पठानों को; ५५ राहा ( जसवन्तपुरा परगने का ) साँइयों को; ५६ पालड़ी ५७ पिरथीपुरा ( मेड़ते परगने के ), ५८ रेवड़िया ( सोजत परगने का ), ५६ राणी गांव ( गोडवाड़ परगने का ), ६० बागड़की आधी (बीलाड़े परगने की ), ६१ पोलावासबिशनोइयां ६२ धोलेगव-खुर्द ( मेड़ते परगने के ), ६३ कुचीपला (परबतसर परगने का ) भाटों को; ६४ सरखेजड़ा ( बाली परगने का ) भांडों को; ६५ बीरावास ( सोजत परगने का ) नक्कारचियों को; और ६६ बासणी-जगा ( मेड़ता परगने का ) महात्माओं को। इनमें से कुछ गांव पहले गांवों की एवज में भी दिए गए थे । १. महाराज-कुमार छत्रसिंहजी और सिद्धदानसिंहजी का उल्लेख पहले हो चुका है। इनके अलावा महाराज-कुमार पृथ्वीसिंहजी का जन्म वि० सं० १८६५ ( ई० स० १८०८) में हुआ था। इनका और महाराज के अन्य राजकुमारों का देहान्त भी बचपन में ही हो गया था। महाराज के बाभाओं के नाम इस प्रकार मिलते हैं:-( १ ) शिवनाथसिंह, ( २) सोहनसिंह, ( ३ ) बभूतसिंह, (४) लालसिंह, (५) राजसिंह (कहीं-कहीं इसके स्थान पर भीमसिंह नाम मिलता है ), (६) सज्जनसिंह, (७ , स्वरूपसिंह । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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