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________________ मारवाड़ - राज्य के कुछ मुख्य-मुख्य महकमों का हाल है । इसी प्रकार मारवाड़ पंचायत - कानून पर भी विचार हो रहा है। अब तक कर्ज के भीषण परिणाम से बचने के लिये केवल जागीरदार ही दिवाले के कानून ( Insolvency act. ) की शरण ले सकते थे । परन्तु गत वर्ष से दूसरों के लिये भी ऐसा ही कानून ( Insolvency act ) बना दिया गया है । गृह-सचिव (होम मिनिस्टर ) अधीन महकमे : सायर (Customs) का महकमा । जोधपुर रियासत की सायर की आमदनी इस समय बढ़कर २७,००,००० तक पहुँच गई है और हाल ही ( ई० स० ११३८ ) में जो इस विषय के नए कानून - कायदे बनाए गए हैं उनसे इसमें और भी वृद्धि होने के साथ-साथ व्यापार को भी उत्तेजना मिलने की आशा है । चिकित्सा (Medical ) विभाग । वि० सं० १९८६ की भादों सुदि १० ( ई० स० १९३२ की १ सितंबर ) को १५,१६,००० रुपयों की लागत से बने, जिस विंढम अस्पताल का उद्घाटन किया गया था, उसने इस अरसे में अच्छी उन्नति करली है । इसमें एक अच्छी 'लैबोरेटरी ' और एक ' ऐक्सरे' विभाग भी जुड़ा हुआ है । इस शफ़ाखाने में इलाज करवाने वाले रोगियों की संख्या बढ़ जाने से शीघ्र ही इसमें वर्तमान २४७ चारपाइयों ( beds ) के स्थान के बजाय २११ चारपाइयों ( beds ) के लिये स्थान बनाया जायगा, जिससे अस्पताल में रहकर इलाज करवाने वालों को और भी सुविधा हो जायगी । गत वर्ष इस अस्पताल में रहकर इलाज करवानेवालों की दैनिक संख्या २५० और बाहर रहकर इलाज करवानेवालों की दैनिक संख्या १,१५७ रही । वि० सं० १९९३ ( ई० स० १९३६ ) से यहां पर स्वास्थ्य विभाग (Public Health Dept. ) की भी स्थापना हो गई है, और अब चेचक के टीके आदि का प्रबन्ध यही महकमा करता है । इसके निरन्तर उद्योग से गत वर्ष टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़कर १,३३,००० तक पहुँच गई । ६०७ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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