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________________ मारवाड़ का इतिहास भारत - गवर्नमैंट ने शाहजादे ऐडवर्ड ( प्रिंस ऑफ वेल्स) के भारत में आने के समय महाराजा साहब को उनके सहचरों ( स्टाफ़ ) में नियत किया था; इस से कार्तिक सुदि १४ (१४ नवंबर को आप बंबई जाकर शाहजादे से मिले और इसी सम्बन्ध में आपने अजमेर, दिल्ली और कराची की यात्राएँ भी कीं । मँगसिर बदि ३० (ई० स० १९२१ की २६ नवंबर) को स्वयं शाहजादा जोधपुर आया । इस पर दरबार की तरफ़ से जोधपुर - स्टेशन से रातानाडा वाले महल तक का मार्ग अच्छी तरह से सजाया गया और शाहजादे के जोधपुर-स्टेशन पर पदार्पण करते ही क़िले से सलामी की ३१ तोपें दागी गईं । तदुपरान्त यथा नियम सैनिक-सत्कार और उपस्थित महज्जन-परिचय हो जाने पर जब 'प्रिंस ऑफ वेल्स ' रातानाडा - महल में पहुँचा, तब फिर किले से सलामी दागी गई । इसके बाद जब महाराजा साहब शाहजादे से मिलने गए, तब इनके जाते और आते समय १२-१६ और जब शाहजादा महाराजा साहब से मिलने आया, तब उसके आते और जाते समय ३१-३१ तोपों की सलामी दी गई । मँसिर सुदि १ ( ३० नवंबर) को प्रातः काल शाहजादे के लिये शिकार का प्रबन्ध किया गया और सायंकाल में स्वयं महाराजा साहब के सेनापतित्व में जोधपुर रिसाले की ' परेड' ( कवायद ) हुई । उसे देख शाहजादे ने यहां के रिसाले की चुस्ती और चालाकी की प्रशंसा के साथ-साथ ही उसके यूरोपीय महासमर में किए वीरोचित कार्यों की भी प्रशंसा की । इसके अनन्तर शाहजादे ने, कुछ सैनिकों को पदक देकरै, अवसर ग्रहण किए ( पैन्शन पाए) हुए सैनिकों का निरीक्षण किया । १. इस सिलसिले में आप मँगसिर बदि १३ ( २६ नवंबर) को अजमेर, माघ सुदि १४ ( ई० स० १६२२ की ११ फरवरी) को दिल्ली और चैत्र बदि १ ( १४ मार्च ) को कराची गए थे । २. इसी प्रकार महाराजा प्रतापसिंहजी के भी शाहज़ाद से मिलने के लिये जाने पर उनके जाने और आने के समय १७ १७ और शाहजादे के महाराजा प्रतापसिंहजी से मिलने आने पर उसके आने और जाने के समय ३१-३१ तोपें चलाई गई । उसी दिन तीसरे पहर 'पोलो' का खेल हुआ और उसमें शाहज़ादे ने भी भाग लिया । ३. इस अवसर पर निम्नलिखित सैनिकों को पदक दिए गए: (क) लैफ्टिनैंट ठाकुर जोधा भगवंत सिंह ( यह पहले जोधपुर रिसाले में था ) - श्री. (द्वितीय श्रेणी ) । बी. (ख) रिसालदार शैतानसिंह ( सरदार रिसाला ) - आइ. प्रो. एम (द्वितीय श्रेणी ) । ५४० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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