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________________ सवाई राजा शूरसिंहजी २३. सवाई राजा शूरसिंहजी यह मारवाड़ नरेश राजा उदयसिंहजी के पुत्र थे। इनका जन्म वि० सं० १६२७ की वैशाख बदी ३० ( ई० सन् १५७० की ५ अप्रैल ) को हुआ था। वि० सं० १६४८ (ई० सन् १५११) में बादशाह अकबर ने पहले पहल इन्हें लाहौर की शाही सेना के एक भाग का प्रबंध सौंपा । इससे कुछ दिन वहाँ रहकर यह उक्त कार्य करते रहे । परन्तु इसके बाद लौटकर जोधपुर चले आए। वि० सं० १६५२ ( ई० सन् १५१५) में जिस समय बादशाह के बुलाने पर राजा उदयसिंहजी लौटकर लाहौर गए उस समय यह भी उनके साथ थे । इससे वहाँ पर महाराज का स्वर्गवास हो जाने से, उन्हीं की इच्छा के अनुसार, वि० सं० १६५२ की सावन बदी १२ ( ई० सन् १५१५ की २३ जुलाई ) को, बादशाह ने इन्हें राजा की पदवी देकर मारवाड़-राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया । ख्यातों में लिखा है कि इसी अवसर पर बादशाह ने इन्हें दो हजारी जात और सवा हजार सवारों का मनसब दिया था। इसके कुछ मास बाद यह लौटकर जोधपुर चले आए । यहाँ पर वि० सं० १६५२ की माघ सुदी ५ ( ई० सन् १५१६ की २४ जनवरी) को चिर-प्रचलित प्रथा के अनुसार यथा-नियम इनका राज्याभिषेक किया गया । वि० सं० १६५३ (ई० सन् १५१६ ) में बादशाह ने सुल्तान मुराद को, जो अब तक गुजरात के सूबे की देखभाल पर नियत था, बदल कर दक्षिण की तरफ के उपद्रवों को शांत करने के लिये भेजा और वहाँ (गुजरात) की रक्षा का भार राजा शूरसिंहजी को सौंपों । इस पर महाराज भी मारवाड़ का शासन-प्रबंध १. ख्यातों के अनुसार यह (शूरसिंहजी) राजा उदयसिंहजी के छठे पुत्र थे । २. अकबरनामा, भा० ३, पृ० ६६७ । १८१ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
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