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________________ राव मालदेवजी राव मालदेवजी ने अनेक किले आदि भी बनवाए थे । उनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है: पहले पहल जोधपुर के किले का विस्तार बढ़ाकर उसके पास के रानीसर नामक तालाव के इर्द-गिर्द कोट बनवाया । इससे युद्ध के समय किलेवालों को पानी का सुभीता हो गया । इसी प्रकार चिड़ियानाथ के झरने को भी कोट से घेरकर किले का एक भाग बना दिया । जोधपुर नगर के चारों तरफ़ शहर-पनाह बनवाई । कहते हैं कि इन सबके बनवाने में १,००,००० फदिए (करीब १,१२,५०० रुपये) लगे थे। इसके बाद वि० सं० १६०८ (ई० स० १५५१ ) में इन्होंने पोकरण का नया किला बनवाया । इसके बनवाने में सातलमेर के पुराने किले का सामान काम में लाया गया था । इसी प्रकार वि० सं० १६१४ ( ई० स० १५५७ ) में मेड़ते में अपने नाम पर मालकोट-नामक किला बनवाना प्रारंभ किया । यह किला वि० सं० १६१६ ( ई० सन् १५५६ ) में समाप्त हुआ था । इनके अलावा सोजत, सारन, रायपुर ( वहाँ के पहाड़ पर ), पीपलोद, रीयाँ, फलोदी ( यहाँ का किला नरा के पुत्र हम्मीर के, वि० सं० १५४५ ई० सन् १४८८ में, बनवाए किले पर ही बनवाया गया था। ), चाटसू और बीकानेर आदि में भी किले बनवाए । भाद्राजण, सिवाना, और नाडोल में शहर-पनाहें बनवाई । नागोर की शहरपनाह का जीर्णोद्धार करवाया । अजमेर के किले में बीटली का कोट और बुर्ज बनवाए और वहाँ से किले पर पानी चढ़ाने का प्रबंध किया । इनके अलावा Dदोज, पीपाड़ और दूनाड़ा आदि में भी निवासस्थान बनवाए । इनकी रानी झाली स्वरूपदेवी ने अपने नाम पर स्वरूपसागर नामक तालाब बनवाया था। यह आजकल बहूजी के तालाब के नाम से प्रसिद्ध है'। राव मालदेवजी के २२ पुत्र थे। १. यह तालाब कागे से मंडोर की तरफ जाते हुए बाएँ हाथ पर है। १४३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
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