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________________ राव जोधाजी नागोर प्रांत का बहुत-सा भाग था । बीकानेर और छापर-द्रोणपुर इनके पुत्रों के अधिकार में थे । इस प्रकार इनके राज्य की पश्चिमी सीमा जैसलमेर तक, दक्षिणी सीमा अवली तक और उत्तरी सीमा हिसार तक पहुँच गई थी। रावजी ने अनेक गांव दान किए थे। राव जोधाजी के २० पुत्र ये-१ नींवा, २ जोगा, ३ सातल, ४ सूजा, ५ श्रीका, ६ वीदा, ७ वरसिंह, ८ दूदा, १ करमसी, १० वणवीर, ११ जसवंत, १२ कूग, १३ चांदराव, १४ भारमल, १५ शिवराज, १६ रायपाल, १७ सांवतसी, १८ जगमाल, १६ लक्ष्मण और २० रूपसिंह । १. कर्नल टॉड ने इनके राज्य का विस्तार ८०,००० मील की लंबाई-चौड़ाई तक होना लिखा है। (ऐनाल्स ऐंड ऐंटिक्विटीज ऑफ राजस्थान, भा॰ २, पृष्ठ ६५१)। २. १ कँवलियां, २ खगड़ी (जेतारण परगने के), ३ रेपडावास (सोजत परगने का), ४ साकडावास (पाली परगने का ), ५ मथाणिया ६ बेवटा ७ बडलिया ( जोधपुर परगने के ), ८ चांचलवा (शेरगढ़ परगने का ) चारणों को, ६ जाटियावास कलां (बीलाड़ा परगने का ), १० धोलेरिया ( जालोर परगने का ), ११ खागवेग १२ बासणी १३ मोडी बड़ी १४ तोलेयासर १५ तिंवरी १६ मांडियाई खुर्द १७ बासणी सेपां १८ थोब ( जोधपुर परगने के ), १६ कोलू-पुरोहितों का वास (फलोदी परगने का ) पुरोहितों को, २० खोडेचां (बीलाड़ा परगनं का), २१ लूंडावास २२ बासणी नरसिंघ (सोजत परगने के ) ब्राह्मणों को और २३ साटीका कलां (नागोर परगने का) माताजी के मंदिर को दिए थे। ३. इनका जन्म वि० सं० १४६७ की प्रथम सावन सुदि १५ (ई. स. १४४० की १४ जुलाई) को हुआ था। बीकानेर की ख्यातों में इनका जन्म वि० सं० १४६५ (ई० स० १४३८) में होना लिखा मिलता है, परन्तु यह जोधपुर की ख्यातों आदि से सिद्ध नहीं होता। ४. इसके वंशज इस समम माबुवा (मालवे में ) के राजा हैं। ५. इसका जन्म वि० सं० १४६७ की आश्विन सुदि १५ को हुआ था। (कहीं-कहीं आषाढ लिखा मिलता है ) इसी के पुत्र रत्नसिंह की कन्या प्रसिद्ध मीराबाई थी, जिसका विवाह महाराना सांगाजी (प्रथम ) के पुत्र भोजराज से हुआ था। ६. लक्ष्मण और रूपसिंह शायद छोटी अवस्था में ही मर गए थे । १०३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034553
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1938
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size369 MB
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