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________________ धर्म-शासन - उदाहरण के रूप में एक धर्म संस्था को लीजिए कि जिसका नाम जैन श्वेताम्बर तेरापन्थ है। (१) यह अहिंसा पर आश्रित है राग द्वेष को सक्रिय मिटा रही है। इसने हिन्दू मुसलमानों के साम्प्रदायिक झगड़ों में अपने साधु साध्वी और श्रावक श्राविकाओं को जो कि लक्षों की संख्या में हैं वेदाग बचाये रक्खा। सरकार अपना रिकार्ड देखे इनके सम्बन्ध में सरकार को एक भी पैसा नहीं खर्चना पड़ा न एक भी पुलिस का सिपाही भेजना पड़ा न इनका एक भी इस विषय का केस सुनने के लिए बाध्य होना पड़ा। इनके एक ही आचार्य श्री तुलसी हैं। उनके प्रभाव से इस संस्था का एक भी प्राणी सम्प्रदाय के दलदल में नहीं फँसा । अतः यह संस्था असाम्प्रदायिक कांग्रेस सरकार को असाम्प्रदायिकता को सहायता देती है। १२) इस संस्था के साधु साध्वी अन्न संग्रह तथा वस्त्र संग्रह नहीं करते सरकार को अन्न वितरण में, वस्त्र वितरण में इनके लिए कोई भी प्रबन्ध नहीं करना पड़ता। (क) ये रात्रि में प्रकाश नहीं करते अतः विजली और किरासिन तेल के सरकारी वितरण में कमी कराते हैं। (ख) ये अपने लिए भवन नहीं बनवाते सरकार को इंट सीमेन्ट लोह काष्ठ आदि की बचत में सहायता देते हैं। (ग) यह संस्था अपनी शिक्षा का स्वयं प्रबन्ध करती है अतः इसके साधु साध्वियों को स्कूल कालेजों में कहीं भी स्थान नहीं देना पड़ता। : (घ) ये रेल बस आदि किसी सवारी में भी नहीं चढ़ते रेल की भीड़ बढ़ने में कमी करते हैं। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034496
Book TitleDharm Shasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghunandan Sharma
PublisherRaghunandan Sharma
Publication Year
Total Pages16
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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